LagatarDesk : EPFO ने वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए ब्याज दरों का ऐलान कर दिया है. ब्याज दर पहले की तरह 8.50 फीसदी रहेगी. पहले आशंका थी कि सरकार 2020-2021 के लिए ब्याज दर कम कर सकती है. लेकिन राहत की बात है कि इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया. ब्याज दर में कमी नहीं करने से वित्त वर्ष 2020-21 में देश के करीब 6 करोड़ PF खाताधारकों को राहत मिली है.
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EPFO की बैठक में लिया गया फैसला
चार फरवरी को EPFO के केंद्रीय न्यास मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. EPFO ने PF पर ब्याज दर को पहले के स्तर पर बनाये रखने का निर्णय लिया. वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएफ खाताधारकों को पिछले साल की तरह ही 8.50 फीसदी ब्याज मिलेगा.
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ब्याज दरें सात साल के निचले स्तर पर
पहले से ही PF की ब्याज दरें सात साल के निचले स्तर पर हैं. 2019-20 के लिए PF पर 8.5 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की गयी थी. यह ब्याज दर 2018-19 में 8.65%, 2016-17 में 8.65% और 2017-18 में 8.55% थी. आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में नौकरियां जाने से ब्याज दरों में कटौती करने के आसार थे. लेकिन ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का फैसला लिया गया है.
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1952 में PF पर 3 फीसदी ब्याज दिये जाने की हुई थी शुरुआत
PF पर ब्याज देने की शुरुआत 1952 में की गयी थी. 1952 में PF पर सिर्फ 3 फीसदी ही ब्याज दिया जाता था. हालांकि उसके बाद इसमें बढ़तोरी होती गयी. 1972 में पहली बार यह 6 प्रतिशत के ऊपर गयी. 1984 में यह 10 फीसदी पर थी. PF धारकों के लिए सबसे अच्छा समय 1989 से 1999 तक था. इस दौरान PF पर 12% ब्याज मिलता था. इसके बाद से ब्याज दरों में गिरावट होनी शुरू हो गयी है. 1999 के बाद यह ब्याज दर कभी भी 10 फीसदी के ऊपर नहीं गया. 2001 के बाद से यह 9.50 फीसदी के नीचे रही. पिछले सात सालों से यह 8.50 फीसदी या उससे कम पर ही है.
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80.40 लाख नये लोग PF से जुड़े
दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 80.40 लाख नये सदस्य EPFO से जुड़े थे. दिसंबर में 29.47 लाख सदस्य निकल भी गये थे. देश में 6.44 करोड़ लोग PF के दायरे में हैं. नियम के मुताबिक, वो कंपनियां जिनके पास 20 या इससे ज्यादा लोग काम करते हैं और जिनकी सैलरी 15 हजार रुपये तक होती है., उनको PF लागू करना होता है.
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