NewDelhi : आज रविवार को आईएनएस विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना के हवाले किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना के शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी में आईएनएस विशाखापत्तनम को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया. जान लें कि यह रॉकेट लॉन्चर, जैविक-केमिकल अटैक प्रूफ जैसे तकनीक से लैस है. इस अवसर पर मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन पर जमकर हल्ला बोला. कहा कि संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की परिभाषा की मनमानी तौर पर व्याख्या कर कुछ देशों द्वारा समुद्र के कानून को लगातार कमजोर किया जा रहा है.
Mumbai: Defence Minister Rajnath Singh arrives at the Commissioning ceremony of INS Visakhapatnam.
INS Visakhapatnam, the indigenously built guided-missile destroyer, is all set to be commissioned today. pic.twitter.com/yXnFlB3raU
— ANI (@ANI) November 21, 2021
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आत्मनिर्भर भारत के प्रति यह नेवी की प्रतिबद्धता है
उन्होंने कहा कि अपना आधिपत्य जमाने और संकीर्ण पक्षपाती हितों वाले कुछ गैर-जिम्मेदार देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों की गलत व्याख्या कर रहे हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 5 सालों में भारतीय नेवी के आधुनिकीकरण के बजट का दो तिहाई से अधिक भाग स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है. नेवी द्वारा ऑर्डर किये गये 41 शिप, पनडुब्बी में से 39 भारतीय शिपयार्ड से हैं. आत्मनिर्भर भारत के प्रति यह नेवी की प्रतिबद्धता है.
जान लें कि आईएनएस विशाखापत्तनम का निर्माण स्वदेशी स्टील से किया गया है. इसके निर्माण में इस्तेमाल की गयी 75फीसदी से अधिक सामग्री स्वदेशी है. यह करीब 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है, इसकी वहन क्षमता भी 7400 टन से अधिक है. इस पोत में 4 गैस टरबाइन इंजन हैं. इसकी अधिकतम स्पीड से 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
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आईएनएस विशाखापत्तनम सभी तरह के हथियारों से लैस है
आईएनएस विशाखापत्तनम सभी तरह के हथियारों से लैस है. यह सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और छोटी दूरी की बंदूकें, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार प्रणालियों सहित घातक हथियारों और सेंसर से लैस है. इस जहाज पर दो हेलीकॉप्टरों को संचालित करने की क्षमता है. इस जहाज में जैविक और केमिकल हमले झेलने की भी क्षमता है. इसके अलावा यह एंटी शिप, ड्रोन, विमान और बैलिस्टिक मिसाइल का खात्मा करने में भी सक्षम है.
जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट-15 बी के तहत इस जहाज का निर्माण किया गया है. 2011 में तत्कालीन सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 35 हजार करोड़ की राशि मंजूर की थी. 2013 में आईएनएस विशाखापत्तनम पर काम शुरू किया गया था.