Bermo : बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने में भारी अनियमितता बरती गयी है. नतीजतन लाइट लगने के दो चार दिन बाद ही एलइडी बल्ब खराब होने शुरू हो गये थे, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि एक साल के अन्दर करीब करीब सभी लाइटें खराब हो गयी. जब एलइडी स्ट्रीट लाइट लगायी जा रही थी उस समय मुखिया लाइट लगाने के नाम पर बड़े बड़े दावे किये गये थे, मगर सभी दावे बेकार साबित हुए. इन दिनों सड़कों एवं गांवों की गलियों में उक्त लाइट सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है.
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घटिया लाइट लगाने का आरोप
सीपीएम के गोमिया प्रखंड सचिव राकेश कुमार ने एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने में पंचायत सचिव और मुखिया के द्वारा बड़े पैमाने पर कमीशन लेकर घटिया लाइट लगाने का आरोप लगाया है. दरअसल 19 मार्च 19 को ग्रामीण विकास विभाग के पंचायती राज निदेशालय ने राज्य के सभी जिला पंचायती राज पदाधिकारी को एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत कार्यरत संयुक्त क्षेत्रीय इइएसल से मनोनयन के आधार पर पंचायतों में एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने का आदेश दिया था. लेकिन पंचायती राज पदाधिकारी, पंचायत सेवक एवं मुखिया ने उक्त निदेश का पालन नही किया. लिहाजा नियमों के विपरीत घटिया किस्म के एलइडी स्ट्रीट लाइट लगायी गयी, जिसके कारण लाइट लगने के साथ ही एलइडी बल्ब खराब होना शुरू हो गया था. अब तो नजारा ऐसा है कि एक दो के छोड दें तो सभी लाइटों की रोशनी बूझ गयी है.
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क्या था उद्देश्य
संविधान की 11वीं अनुसूची के आलोक में नागरिकों को मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायतों का संवैधानिक दायित्व है। इस क्रम में पंचायत क्षेत्र की सड़कों पर सुरिक्षत आवागमन एवं अपराध नियंत्रण के लिए पथ पर प्रकाश की व्यवस्था करना महत्वपूर्ण कार्य है. इसी उद्देश्य के आलोक में पंचायत के सभी सडक मार्गो में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्णय लिया गया.