Pravin Kumar
Ranchi : IAS पूजा सिंघल (Puja Singhal) के पति अभिषेक झा का बरियातू रोड में पल्स अस्पताल है. आरोप है इस अस्पताल का निर्माण भुईंहरी जमीन पर हुआ है. भुईंहरी जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती. इसके बाद भी जालसाजी करके जमीन की खरीद की गई. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई. इस बीच lagatar.in को पता चला है कि इस जमीन की जांच रिपोर्ट गायब है. हालांकि इस बात की पुष्टि जिला प्रशासन के किसी अधिकारी ने नहीं की है.
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एसी कार्यालय में खंगाले जा रहे बक्से
खबर चलने के बाद एसी कार्यालय में बक्सों की तलाशी की जा रही है. कार्यालय के कर्मी जांच रिपोर्ट तलाशने में जुटे हुए है. खबर लिखे जाने तक एसी ऑफिस के चार बक्सों की जांच की जा चुकी है. लेकिन उनमें जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. अन्य बक्सों की जांच जारी है.
मुख्यमंत्री ने रांची डीसी को जांच करने का आदेश दिया था
जानकारी के मुताबिक, भुईंहरी जमीन की खरीद अवैध तरीके से करके अस्पताल बनाने की शिकायत फरवरी 2020 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की गई थी. सोशल मीडिया twitter पर मिली शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने रांची डीसी को जांच करने का आदेश दिया था. उस वक्त रांची के डीसी राय महिपत रे( DC Rai Mahipat Ray) थे. जांच के लिये उन्होंने अपर समाहर्ता (एसी) और बड़गाई सीओ की कमेटी बनायी थी. दोनों अधिकारियों ने जांच पूरी कर रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट राजस्व शाखा में थी. वहां से रिपोर्ट मुख्यमंत्री सचिवालय या भू-राजस्व विभाग को भेजी गई, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.
पूजा सिंघल के खिलाफ इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) की छापामारी के पल्स अस्पताल की जमीन और इसके निर्माण को लेकर फिर से सवाल उठने लगे. तब जांच रिपोर्ट की खोजबीन शुरु की गई. लेकिन जांच रिपोर्ट मिला ही नहीं. सूत्रों ने बताया कि रांची डीसी ने इस बारे में एसी कार्यालय से पत्राचार भी किया है.
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इस जमीन का म्यूटेशन भी अभी तक नहीं हुआ है
उल्लेखनीय है कि एसी और सीओ की जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि जिस जमीन पर पल्स अस्पताल बना है, वह भुईंहरी नेचर की जमीन है. इस जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है. जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई थी कि जिस जमीन पर पल्स अस्पताल बना है, उस जमीन की जमाबंदी ना तो अभिषेक झा के नाम पर है और ना ही पल्स अस्पताल के नाम पर. इसके अलावा इस जमीन का म्यूटेशन भी अभी तक नहीं हुआ है. सीएम के निर्देश के 15 दिन के भीतर ही जांच रिपोर्ट तैयार कर लिया गया था. जांच रिपोर्ट जमा भी किया गया. लेकिन इसके बाद जांच रिपोर्ट कहां गया. इस बारे में किसी को पता नहीं है.
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उठ रहे हैं ये सवाल
- जब जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ, जमाबंदी नहीं हुई, उस जमीन पर अस्पताल बनाने का नक्शा कैसे पास हो गया.
- जिस जमीन का म्यूटेशन या जमाबंदी नहीं हुई, उस जमीन पर बैंक से कैसे 23 करोड़ रूपये का लोन जारी हो गया.
- जिस जमीन पर पल्स अस्पताल बना है, वह तीन एक भुईंहरी जमीन का एक हिस्सा है. इसी तीन एकड़ जमीन पर दूसरे मल्टी स्टोरी बिल्डिंग कैसे बन गये.
- रांची नगर निगम ने Pulse Hospital का नक्शा रघुवर दास के मुख्यमंत्री काल म़ें पास कैसे किया ?
- HDFC बैंक ने उस आदिवासी भुंईहरी जमीन पर 23 करोड़ का लोन कैसे पास किया ?
- यदि लोन सिर्फ 23 करोड़ लिया गया तो इतने बडे और मंहगे बिल्डिंग के लिए एवं हॉस्पिटल में महंगे मेडिकल समानों के लिए बाकी के रूपये कहां से आए ?
- कोराना काल में जब संपूर्ण झारखंड में रेमडेसिविर इंजेक्शन के कमी थी तब भी Pulse hospital में इसकी कोई कमी नहीं रहने का राज क्या था ?
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