Vishmaya Alankar
Hazaribagh: शहर के बाहरी शांत इलाकों में इन दिनों ब्लैक रेडस्टार्ट देखा जा रहा है. शरद ऋतु में आने वाला यह प्रवासी पक्षी यूरेशिया इलाके से प्रत्येक साल आता है. अक्टूबर के अंत में ये पक्षी हजारीबाग के आसपास वाले इलाके में आते हैं और फरवरी के अंत तक वापस अपने देश लौट जाते हैं. अभी हाल में ही हज़ारीबाग़ में श्वेतमुखी हंस के देखे जाने के बाद पक्षी प्रेमियों में उत्साह छा गया था. अब ब्लैक रेडस्टार्ट के दिखाई पड़ने से पर्यावरण प्रेमियों में ख़ुशी देखी जा रही है.
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गौरेया से मिलता जुलता है ब्लैक रेडस्टार्ट
इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम फॉनिकुरुस ऑक्रूरोस (Phoenicurus Ochruros) है. नर ब्लैक रेडस्टार्ट का ऊपरी भाग काला होता है जो सर्दियों में कुछ ग्रे रंग का दिखाई देता है. इसका आकार गौरैया के आकार से थोड़ा अधिक होता है. वहीं शरीर की लंबाई 10-15 सेमी होती है और वजन 20 ग्राम तक होता है. गौरैया से भी यह मिलता जुलता है. यह पक्षी उससे अधिक सुंदर और चमकदार होता है. इसके सिर का ऊपरी हिस्सा एवं पीठ का निचला हिस्सा ग्रे रंग का होता है. जबकि मादा ब्लैक रेडस्टार्ट का ऊपरी हिस्सा हल्का भूरा-धूसर होता है और इसकी पूँछ नर ब्लैक रेडस्टार्ट के समान ही होती है. इसका मुख्य भोजन छोटे कीट पतंगे और छोटे फल हैं.
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यह प्रजाति खतरे की श्रेणी में
यूके में आईयूसीएन की सूची में यह प्रजाति खतरे की श्रेणी में है. यूके में इस पक्षी की कम होती संख्या ने पर्यावरणविदों को चिंता में डाल रखा है. यूके में ब्लैक रेडस्टार्ट संरक्षण चिंता के आईयूसीएन अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की लाल सूची में है. यहाँ यह पक्षी के दिखाई पड़ने से हज़ारीबाग़ के बर्ड वाचर अमित जैन कहते हैं ये पक्षी कम दिखाई देते हैं. ऐसे में जब यह इधर दिखा है तो इसका अर्थ है की इधर का पर्यावरण बढ़िया है और उसके अनुकूल है.