LagatarDesk : फेसबुक यूजर्स के लिए बड़ी खबर है. कंपनी ने हाल ही में अपनी कंपनी का नाम बदलकर मेटा कर दिया. अब फेसबुक ने एक और बड़ा फैसला लिया है. कंपनी ने मंगलवार को बताया कि उसने फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद करने जा रहा है.फेसबुक ने बताया कि नये बदलाव को आने वाले सप्ताह में लागू किया जायेगा.
फेशियल रिकग्निशन की मदद से अब नहीं कर सकेंगे टैग
इस फैसले के बाद फेसबुक 1 बिलियन से अधिक लोगों के फेस रिकग्निशन टेंप्लेट को हटाया जायेगा. यानी पहले फोटो और वीडियो में फेशियल रिकग्निशन से लोगों को टैग कर सकते थे. लेकिन अब यह फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम का इस्तेमाल बंद हो जायेगा.
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फेसबुक ऑटोमैटिकली लोगों के चेहरों की नहीं कर सकेगा पहचान
आपको बता दें कि करीब 600 मिलियन फेसबुक यूजर्स फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब लोगों को यह विकल्प नहीं मिलेगा. कंपनी 1 अरब से ज्यादा लोगों के इंडिविजु्अल फेशियल रिकग्निशन टेंपलेट को डिलीट करेगी. पोस्ट के मुताबिक, फेसबुक अब फोटो या वीडियो में ऑटो मैटिकली लोगों के चेहरों को पहचान नहीं पायेगा. फेसबुक के इस कदम से ऑटोमैटिक ऑल्ट टेक्स्ट टेक्नोलॉजी पर असर पड़ेगा. इसका इस्तेमाल कंपनी ब्लाइंड लोगों को इमेज डिस्क्राइब करने के लिए करती है.
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फेसबुक ने बदल दिया कंपनी का नाम
आपको बता दें कि हाल ही में फेसबुक ने कंपनी की नाम बदलकर मेटा रख दिया. फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा था कि कि वो “मेटावर्स” बनाने पर फोकस कर रहे हैं. यह एक ऑनलाइन दुनिया है, जहां लोग वर्चुअल एनवायरमेंट में ट्रांसफर करने और कम्यूनिकेशन करने के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे पूरा करने के लिए कंपनी ने वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में इंवेस्ट किया है. रिपोट्स की मानें तो फेसबुक ने मेटावर्स प्रोजेक्ट में 2021 में 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया था. हालांकि आलोचकों का कहना है कि यह फेसबुक पेपर्स से दस्तावेज लीक होने से उत्पन्न विवाद से ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो सकता है.
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