Mumbai : “माया दर्पण”, “चार अध्याय” और “कस्बा” जैसी मशहूर फिल्मों के डायरेक्टर कुमार साहनी का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. कोलकाता के एक अस्पताल में कल रात 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. साहनी काफी दिनों से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. साहनी अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गये. साहनी की करीबी दोस्त अभिनेत्री मीता वशिष्ठ ने उनके निधन की पुष्टि की है. मीता वशिष्ठ ने “वार वार वारी”, “ख्याल गाथा” और “कस्बा” फिल्म में साहनी के साथ काम किया है.
साहनी का निधन बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति : मीता वशिष्ठ
मीता वशिष्ठ ने बताया कि निर्देशक का कल रात लगभग 11 बजे कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. कहा कि यह एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति है. अभिनेत्री ने कहा कि हम उनके परिवार के संपर्क में थे. कुमार और मैं खूब बातें करते थे और मुझे पता था कि वह बीमार हैं तथा अस्पताल जाते रहते हैं.
1972 में “माया दर्पण” से की थी अपने करियर की शुरुआत
फिल्म निर्माता का जन्म अविभाजित भारत में सिंध के लरकाना में हुआ था. वर्ष 1947 में विभाजन के बाद साहनी का परिवार बंबईई (अब मुंबई) आ गया था. साहनी ने मणि कौल के साथ भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में पढ़ाई की. साहनी ने 1972 में “माया दर्पण” से अपने करियर की शुरुआत की. इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म की कैटेगरी में नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था. हिंदी लेखक निर्मल वर्मा की लघु कथा पर आधारित यह फिल्म सामंती भारत में अपने प्रेमी और अपने पिता के सम्मान की रक्षा करने वाली एक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है.
कुमार साहनी ने जीते थे 3 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स
कुमार साहनी की “माया दर्पण” फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म की कैटेगरी में नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था. इसके अलावा उन्होंने तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीते. फिल्म ‘माया दर्पण’ (1973), ‘ख्याल गाथा’ (1990) और ‘कस्बा’ (1991) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. साल 2004 के बाद उन्होंने फिल्में बनाना छोड़कर लिखने-पढ़ाने का काम शुरू किया. उन्होंने ‘द शॉक ऑफ डिजायर एंड अदर एसेज’ किताब लिखी है.