Ranchi : 15 जुलाई 2018 को हज़ारीबाग में घटी एक घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया था. शहर के बीचों बीच स्थित खजांची तालाब के पास के अपार्टमेंट के तीसरे माले से छह व्यक्तियों के मारे जाने की खबर थी. हत्या और आत्महत्या के बीच झूलते इस घटना को लेकर पूरा शहर आंदोलित हुआ था. साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी अब तक झारखंड पुलिस की जांच एजेंसी यह पता नहीं कर पाई है कि महेश्वरी परिवार के छह सदस्यों ने आत्महत्या की थी या उनकी हत्या हुई थी. महावीर महेश्वरी, नरेश महेश्वरी, किरण महेश्वरी, प्रीति महेश्वरी, अमन और आन्वी की रहस्यमयी तरह से मौत हुई थी. शव फ्लैट के अलग-अलग हिस्से में बरामद किया गया था. एक का शव फ्लैट के नीचे पाया गया था.
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सीआईडी कर रही है मामले की जांच
बहुचर्चित महेश्वरी परिवार के छह लोगों की संदिग्ध मौत किस परिस्थिति में हुई है, इसे लेकर सीआईडी जांच कर रही है. इस मामले को सीआईडी ने इस साल जनवरी महीने में टेकओवर किया था. इससे पहले इस मामले की जांच हजारीबाग पुलिस कर रही थी. सालों बीत जाने के बाद भी किसी भी तरह का परिणाम सामने नहीं आ पाया. एक ओर मामले की तफ्तीश चल रही है तो दूसरी ओर जिस अपार्टमेंट के फ्लैट से शव मिला था, उस फ्लैट का ताला बीते 25 जुलाई को टूटा हुआ पाया गया था.
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पूर्व मंत्री सरयू राय ने उच्चस्तरीय जांच की थी मांग
राज्य के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने डीजीपी एमवी राव को 31 अगस्त 2020 को पत्र लिखा था. सरयू राय ने डीजीपी से हजारीबाग में बीते 15 जुलाई, 2018 को हुए माहेश्वरी हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा- एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या एक साथ कर देना और इसे आत्महत्या का मामला बताना तथा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस मामले को रफा-दफा कर देना कोई सामान्य बात नहीं है. मुझे विश्वास है कि झारखण्ड पुलिस के योग्य अधिकारी इस कांड का खुलासा करने में सक्षम है. फिर भी यदि आपको लगता है कि इस हत्याकांड के पीछे गहन साजिश को देखते हुए इसे सीबीआई को सौंपा जाये ऐसा करना उचित होगा.
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प्रभावशाली व्यक्ति इस हत्याकांड में शामिल है
सरयू राय ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा था कि हजारीबाग के बाडम बाजार, महावीर स्थान चौक के परिवार के 6 सदस्यों की निर्मम हत्या उनके अपार्टमेंट में कर दी गई. मृतकों में महाबीर प्रसाद माहेश्वरी, उनकी पत्नी किरण माहेश्वरी, बेटा नरेश माहेश्वरी, बहु प्रीति माहेश्वरी, दस वर्षीय पोता अमन माहेश्वरी, छह वर्षीय पोती अन्वी माहेश्वरी शामिल थे. पीड़ित परिवार के राजेश कुमार माहेश्वरी ने मुझे स्पीड पोस्ट से अपनी व्यथा को व्यक्त करते हुए आवेदन भेजा है. जिसमें इनके द्वारा अबतक किये गये प्रयासों का जिक्र है.
उनकी आशंका है कि कोई न कोई मजबूत एवं प्रभावशाली व्यक्ति या व्यक्ति समूह इस हत्याकांड में शामिल है. जिसकी तरफ से अप्रत्यक्ष धमकी उन्हें मिलती रही है. जिस तरह मुम्बई में ‘सुशांत सिंह राजपूत हत्याकांड’ को लेकर पूरे देश में संवेदना है. उसी तरह करीब दो वर्ष पूर्व हुए इस सामूहिक नरसंहार के प्रति भी झारखण्ड सरकार की संवेदना जागनी चाहिए. सरयू राय ने डीजीपी से अनुरोध करते हुए कहा है कि इस मामले की जांच या तो एक एसआईटी गठित कर सीआईडी के नेतृत्व में कराने का आदेश दें या इस मामले को जांच के लिये सीबीआई के सुपुर्द कर दें.
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