Medininagar (Palamu): प्रमंडलीय आयुक्त जटा शंकर चौधरी मंगलवार को जोरकट गांव पहुंचे. आयुक्त ने रांची-डालटनगंज मुख्य मार्ग पर स्थित जोरकट गांव में सेब की व्यवसायिक खेती की बुनियाद रखी. बता दें कि पलामू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के वैज्ञानिकों द्वारा जिले के अलग-अलग स्थानों पर कुछ पौधों से ट्रायल के बाद सेब की खेती की जा रही है. प्राइवेट इन्वेस्टर्स उमेश अग्रवाल, अखिलेश अग्रवाल और अजय अग्रवाल द्वारा सेब की खेती की जा रही है.
इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने सेब के हरिमन 99 प्रभेद का पौधा लगाकर पलामू में सेब की व्यवसायिक खेती की विधिवत शुरुआत की. क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार सिंह की तकनीकी सलाह से पलामू में सेब की खेती की जा रही है. आयुक्त ने कहा कि पलामू के किसान भाई अब सेब की खेती भी सहजता से कर सकेंगे. गर्मियों का सेब कहे जाने वाले सेब के हरिमन 99 प्रभेद के लिए पलामू की मिट्टी व जलवायु उपयुक्त मानी जा रही है. पलामू के लिए सुखद बात है कि प्राइवेट इन्वेस्टर्स ने यहां कामर्शियल खेती शुरू की है. प्राइवेट इन्वेस्टर्स को कृषि के क्षेत्र में कदम बढ़ाने से बेहतर सफलता मिलेगी. इससे अन्य किसान भी प्रेरित होंगे.
ग्राफ्टेड पौधा लगाया जा रहा है
क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि उनके मार्गदर्शन में यहां सेब की खेती की जा रही है. हरिमन 99 का पौधा यहां के जलवायु के लिए उपयुक्त है. इस प्रभेद का पौधा 45 से 50 डिग्री तापमान पर भी फल देता है. स्वाद और रंग में कोई अंतर नहीं होता है. ठंडे प्रदेशों जैसा ही फल आता है. हरिमन 99 पौधा लगाने का दिसंबर से जनवरी का महीना उपयुक्त है. ग्राफ्टेड पौधा लगाया जा रहा है, जो दो से ढाई साल में ही फल देना प्रारंभ कर देगा. उन्होंने कहा कि पलामू के किसान भाई अगर टिश्यू कल्चर के पौधे लगाते हैं, तो वह डेढ़ साल में ही फल देना प्रारंभ करेगा.
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हिमाचल से सेब के 100 पौधे मंगाये थे
सेब की खेती कर रहे अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि उनके परिवार द्वारा एक ही स्थान पर करीब एक एकड़ भूमि पर सेब की खेती की जा रही. उन्होंने हिमाचल से सेब के 100 पौधे मंगाये थे. इसे विस्तारित भी किया जाएगा. कहा कि करीब 9 एकड़ की भूमि के अधिकांश भाग में फलदार पौधे की खेती कर रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से टिश्यू कल्चर वर्मा टी, थाई वैरायटी का अमरूद, केसर आम, नागपुरी संतरा, मौसंबी, टिश्यू कल्चर नींबू एवं टिश्यू कल्चर बांस के पौधे लगाए हैं. अमरूद में फल भी आने लगे हैं.
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