Chaibasa : गरमा मूंग की खेती न केवल कृषकों के लिये लाभप्रद है बल्कि इससे खेतों में राईबोजियम के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में नाईट्रोजन भी मिलता है. यह खेती के लिये काफी आवयश्क है. कृषि विभाग के सहायक कृषि पदाधिकारी संजय सिन्हा ने हाट गम्हरिया प्रखंड के हेसलकुटी के महिला कृषकों के बीच गरमा मूंग का वितरण के बाद ग्रामीण महिला कृषकों को समझाते हुए बताया. उन्होंने कहा कि गरमा मूंग के गांठों में जो राईबोजियम होता है वह नाईट्रोजन अवशोषित करने का अच्छा स्रोत है, जबकि कृषकों को खेतो में नाईट्रोजन को बढ़ाने के लिये अन्य खादों का प्रयोग करना पड़ता है जो एक समय के बाद खेतों के लिये ठीक नहीं होता है.
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इसलिये कृषकों को गरमा मूंग की खेती करनी चाहिए, ताकि उससे उनकी आय भी बढ़ेगी और खेतों को प्रर्याप्त मात्रा में नाईट्रोजन भी मिलेगा, मूंग को तोड़ लेने के बाद गरमा मूंग के पौधे को खेतों में छोड़ देने से वह खेतों के लिये अच्छा जैविक खाद बनेंगे. टीआरएफए यश टारगेटेड राईस फेलो एरिया के तहत कृषको के बीच गरमा मुंग के बीज का वितरण किया जा रहा है.