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मौर्य के मन में परसेप्शन की लड़ाई में कमजोर पड़ने का डर
पडरौना के राजा (आरपीएन सिंह) के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद स्वामी के लिए यह सीट सुरक्षित नहीं मानी जा रही थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के भाजपा में जाने के बाद से ही स्वामी के सीट बदलने की अटकलें लग रहीं थीं. स्वामी प्रसाद मौर्य जब बसपा के कद्दावर नेता माने जाते थे और मंत्री थे, तो 2009 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह से हार गये थे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के मन में परसेप्शन की लड़ाई में कमजोर पड़ने का डर सता रहा था. साथ ही उन्हें यहां विधायक के तौर पर एंटी इनकंबेंसी का सामना भी करना पड़ सकता था. बता दें कि 2012 में बसपा और 2017 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में स्वामी प्रसाद मौर्य पडरौना से जीते थे, इसे भी पढ़ें : भाजपा">https://lagatar.in/modi-said-to-bjp-workers-said-we-will-modernize-the-country-discussed-about-farmers-women-poor-vote-bank-politics-middle-class-economy/">भाजपाकार्यकर्ताओं से बोले मोदी, देश को आधुनिक बनायेंगे, किसान, महिला, गरीब, वोटबैंक, राजनीति, मिडिल क्लास, अर्थव्यवस्था सब पर चर्चा की
पडरौना से आरपीएन के उतरने की अटकलें
आरपीएन सिंह पडरौना सीट से 1996, 2002 और 2007 में विधायक रहे हैं. कुर्मी-सैंथवार जाति से आने वाले कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह को राजा साहेब के नाम से भी यहां पुकारा जाता है. पडरौना में कुर्मी वोटों की संख्या अच्छी खासी है. और अपने इलाके के सजातीय वोटों पर उनकी खासी पकड़ मानी जाती है. अटकलें हैं कि पडरौना से भाजपा आरपीएन सिंह को टिकट देकर स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ा सकती है. लेकिन पडरौना से भाजपा उम्मीदवार का ऐलान होने से पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य के सीट बदल लेने के बाद सबकी नजर है कि भाजपा आरपीएन को विधानसभा चुनाव में आजमाती है या उन्हें राज्यसभा भेजा जायेगा. इसे भी पढ़ें : पाकिस्तान">https://lagatar.in/pakistan-attackers-told-hindu-businessman-if-you-want-to-stay-alive-then-go-to-india-then-shot/">पाकिस्तान: हमलावरों ने हिंदू व्यापारी से कहा, जिंदा रहना चाहते तो भारत चले जाओ, फिर गोली मार दी

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