Ranchi: झारखंड के शहरी निकायों में अवैध नक्शे पर बने 7 लाख से अधिक मकानों को नियमित करने की योजना का फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो गया है. ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनी कमेटी ने ओडिशा, मध्यप्रदेश और तेलंगाना राज्य के मॉडल का अध्ययन कर और राज्य के स्टेक होल्डर्स से मिले सुझावों के आधार पर योजना का फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर विधि परामर्श के लिए फाइल विधि विभाग को भेजी है. वहां से फाइल लौटने के बाद से कैबिनेट को भेजा जाएगा. उम्मीद है जल्द ही इसे कैबिनेट से भी मंजूरी मिल जाएगी. इसके बाद राज्य के विभिन्न शहरी निकायों में बने अवैध मकानों के नियमित होने का रास्ता साफ हो जाएगा.
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31 दिसंबर 2019 के पहले बने अवैध भवन होंगे नियमित
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवंबर 2022 में ही शहरी निकायों में 31 दिसंबर 2019 के पहले बने अवैध भवनों को नियमित करने की योजना के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद नगर विकास विभाग ने इस ड्राफ्ट और बेहतर बनाने के लिए एक कमेटी बनाई. इस कमेटी ने प्रारूप पर स्टेक होल्डर्स और आम लोगों की राय और आपत्ति मांगी थी. योजना को लेकर कमिटी ने चैंबर ऑफ कॉमर्स समेत कई स्टेक होल्डर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की गई थी.
सुझावों और दूसरे राज्यों के मॉडल के स्टडी के बाद तैयार हुआ है ड्राफ्ट
नये ड्राफ्ट का स्वरूप क्या होगा, यह अभी साफ नहीं है. समिति के एक सदस्य ने बताया कि सभी सुझावों और दूसरे राज्यों के ड्राफ्ट का स्टडी करने के बाद ड्राफ्ट बनाया गया है. सभी कमियों को दूर करने की कोशिश की गई है. गौरतलब है कि स्टेक होल्डर्स ने समिति को सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर बने 75 फीसदी भवनों को नियमित करने का सुझाव दिया है. साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम से योजना को लागू करने को कहा है. कुछ लोगों ने यह भी सुझाव दिया गया है कि मकानों को नियमित करने के लिए मिनिमल लैंड पेपर लिया जाए. जिन भवनों की ऊंचाई 15 मीटर से अधिक और 500 स्क्वायर मीटर प्लिंथ एरिया से ज्यादा है, उसका भी शुल्क के साथ नियमितिकरण का प्रावधान किया जाना चाहिए. साथ ही 15 मीटर से अधिक ऊंचे और 500 स्क्वायर मीटर से अधिक प्लिंथ एरिया वाले रेसिडेंशियल बिल्डिंग को नगर निगम क्षेत्र में 100, नगर परिषद में 75 और नगर पंयायत में 50 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर की फीस लेकर रेगुलर किया जाना चाहिए.
चैंबर लगातार समिति से ले रही जानकारी- आदित्य मल्होत्रा
इस योजना को जल्द लागू करने को लेकर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स लगातार सरकार पर दबाव बनाये हुए है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि विभाग के अधिकारियों से लगातार इसकी प्रगति की जानकारी ली जा रही है. शुरुआत में कुछ लोग सुझाव देने से वंचित रह गये थे. उन लोगों के सुझाव भी समिति को भेजे गये हैं. जल्द ही योजना को लागू करने का आश्वासन मिला है.
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