- विवादित राशि में 60% तक की छूट दी जायेगी
- इंटरेस्ट और पेनाल्टी की राशि पर 90% तक की छूट मिलेगी
Ranchi : वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बुधवार को वाणिज्य कर विभाग की कर समाधान योजना की शुरुआत की. कहा कि इसके जरिये व्यवसायियों के पास बकाया और इससे संबंधित विवादों का निबटारा किया जाएगा. राज्य सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं. सरकार को जो रेवेन्यू आता है, राज्य में विकास की योजनाएं उसी से संचालित होती हैं. समय पर रेवेन्यू नहीं आएंगे तो विकास योजना कैसे चलेगी. कहा कि लंबे समय से न्यायालयों में मामले चल रहे हैं. यदि इसका समाधान हो जाए ,तो न्यायालय, व्यापारियों और सरकार के अधिकारियों का समय बचेगा. साथ ही राज्य सरकार को राजस्व के रूप में पैसा भी मिल जाएगा. इसलिए विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है की विवादित मामलों का समाधान अधिकारी अपने स्तर से करें, ताकि सभी का समय बच सके और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति हो सके. मंत्री ने फरवरी माह में ही वाणिज्य कर विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति पर अधिकारियों को बधाई दी. कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2022- 23 में वाणिज्य कर विभाग ने राजस्व संग्रहण का लक्ष्य 18500 करोड़ को पार कर दिया है, जो सराहनीय है. विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभागीय सचिव आराधना पटनायक सहित बड़ी संख्या में व्यवसायी उपस्थित थे.
व्यवसायियों को मात्र 10 फीसदी राशि देनी होगी
इस मौके पर आराधना पटनायक ने कहा कि सरकार का लगभग 3.5 हजार करोड़ रुपये बकाया है. विभिन्न न्यायालयों में 5000 मामले लंबित हैं. इसके समाधान के लिए ही यह योजना लाई गई है. कर समाधान योजना के तहत राज्य सरकार ने कई तरह की रियायतें दी हैं. जिसके तहत विवादित राशि में 60% तक की छूट दी गई है, जबकि मूल राशि जो टैक्स के रूप में विभाग ने निर्धारित की है, उसे व्यवसायी को पूरी देनी होगी. इंटरेस्ट और पेनाल्टी की राशि पर राज्य सरकार ने 90% तक की छूट दी है. यानी व्यवसायियों को मात्र 10 फीसदी राशि देनी होगी.
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फरवरी में 101% राजस्व संग्रह कर रिकॉर्ड बनाया
वाणिज्य कर विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के पूरा होने से एक माह पहले ही फरवरी महीने में 101% राजस्व संग्रह कर रिकॉर्ड बनाया है. फरवरी माह तक विभाग ने 18500 करोड़ की राजस्व उगाही की है, जो लक्ष्य से करीब ढाई हजार करोड़ अधिक है. मार्च अंत तक विभाग यह आंकड़ा 21000 करोड़ से अधिक पार कर लेगा. उन्होंने कहा कि 1000 करोड़ भारत सरकार के पास विभिन्न मदों में विभाग का बकाया है. यदि वह प्राप्त हो जाता है, तो इस चालू वित्तीय वर्ष में करीब 22000 करोड़ राजस्व संग्रह वाणिज्य कर विभाग के द्वारा होगा.
कृषि कानून वापस लेने की पहल का दिया भरोसा
इस बीच मौके पर मौजूद चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग की. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने चेंबर अध्यक्ष को भरोसा दिया कि जल्द ही कृषि कानून को वापस लेने की दिशा में सरकार द्वारा पहल की जाएगी.
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