LagatarDesk:वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों से कहा है वे अपनी शाखाओं को शाखाओं का सही ढंग से संचालन करें तथा अनावश्यक खर्चों से बचें. सूत्रों के मुताबिक यह निर्देश विशेष रूप से नेशनल इंश्योरेंस, ओरियंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के लिए है.
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खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए उठाया कदम
पिछले साल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों साधारण बीमा कंपनियों की विलय की प्रक्रिया को रोक दिया था. सरकार ने इन कंपनियों में 12450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की मंजूरी दी थी ताकि ये निर्धारित मापदंडों को पूरा कर सकें. सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने इन कंपनियों से अपनी शाखाओं को युक्तिपूर्ण बनाने तथा गेस्ट हाउस जैसे बेवजह के खर्चों में कटौती करने को कहा है.
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12500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की मंजूरी
इन कंपनियों से यह भी कहा गया कि वे अपने कारोबार का डिजिटल माध्यम से विस्तार करे. पूंजी डालने की प्रक्रिया के तहत जुलाई में केंद्रीय कैबिनेट ने इन कंपनियों में 12500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की मंजूरी दी है. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी को बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये करने की अनुमति दी गयी है. इसके अलावा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस तथा ओरियंटल इंश्यारेंस कंपनी की अधिकृत पूंजी को 5,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी गयी है.
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इस 12500 करोड़ रुपये में 2019-20 के दौरान इन कंपनियों को उपलब्ध कराई गयी 2500 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है. इस साल सरकार कंपनियों में 3,475 करोड़ रुपये की पूंजी डाल चुकी है. शेष 6475 करोड़ रुपये की राशि एक या अधिक किस्तों में डाली जायेगी. सरकार ने 2020-21 के बजट में इन कंपनियों में 6,950 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रावधान किया था.
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