New Delhi : उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के मामले में गुरुवार को अदालत ने पहली सजा सुनाई है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिनेश यादव को 5 साल की सजा सुनायी है. वहीं मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने हत्या के एक मामले में आरोपी सहित छह व्यक्तियों को जमानत दी थी. दिनेश यादव को पिछले महीने एक गैरकानूनी सभा का सदस्य होने, दंगा करने और 70 साल की एक महिला के घर को लूटने और जलाने में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था.
मुस्लिम महिला के घर में आग लगायी थी
अभियोजन पक्ष के वकील आरसीएस भदौरिया ने इस बात की पुष्टि की है. 25 दिसंबर 2020 को मनोरी नाम की मुस्लिम महिला के घर में लूटपाट के बाद आग लगा दी गयी थी. दंगाई उनके मवेशी तक चोरी कर ले गये थे. 70 साल की मनोरी छत से कूदी और एक हिंदू परिवार के घर में छिपकर जान बचायी थी. उसके बाद उनके परिवार को पुलिस किसी तरह बचाकर ले गयी. पूरा परिवार 2 हफ्ते दिल्ली से बाहर रहा.
कोर्ट ने 2 पुलिसकर्मियों के बयान को अहम माना
इस मामले में कोर्ट ने 2 पुलिसकर्मियों के बयान को अहम माना है. उन्होंने बताया कि दिनेश उस भीड़ का हिस्सा था, जो हिंसा पर उतारू थी. हालांकि, उन्होंने दिनेश को मनोरी का घर जलाते हुए नहीं देखा. इस आधार पर कोर्ट ने कहा कि अगर कोई गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा है, तो वो बाकी दंगाइयों की तरह हिंसा के लिए उतना ही जिम्मेदार है. दिनेश यादव को 8 जून 2020 को गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने उसके खिलाफ 3 अगस्त 2021 को आरोप तय किये थे.
तोड़फोड़ और आग लगाने के आरोपी छह लोगों को जमानत
उधर दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को गोकुलपुरी इलाके में एक दुकान में तोड़फोड़ और आग लगाने के आरोप में छह लोगों को जमानत दे दी. पुलिस ने इस मामले में कहा था कि दुकान में आग लगने से 22 वर्षीय दिलबर नेगी की मौत हो गयी थी. दो दिन बाद युवक का शव दुकान से बरामद हुआ था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने कथित तौर पर इलाके की कई अन्य दुकानों में भी तोड़फोड़ की थी और आग लगायी थी.
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