Dhanbad: शहर में आवारा कुत्तों पर नकेल कसने का काम एक माह से जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार, 31 मार्च को नगर निगम की ओर से झरिया में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया.
पुनः झरिया : स्नेह एनिमल वेलफेयर सोसायटी की टीम ने झरिया के अलग-अलग मुहल्लों से 12 कुत्तों को पकड़ा. टीम के सदस्यों ने बताया कि पकड़े गए कुत्तों का नार्थ तीसरा, गोलमारा स्थित कॉलरा अस्पताल में बंध्याकरण किया जाएगा. तीन दिन बाद इन्हें पुनः झरिया में ही छोड़ दिया जाएगा. कुत्तों को पकड़ने का मकसद इनकी जनसंख्या को नियंत्रित करना है. अभियान में गुलशन, राजेंद्र, सुनील, युवराज, राहुल, उत्तम, जितेंद्र, दीपक शामिल थे.
तीसरी बार प्रयास : वर्ष 2006 में धनबाद नगर निगम का गठन हुआ था. कुत्ता पकड़ने की योजनाएं बनती रही, लेकिन वह सफल साबित नहीं हुई. वर्ष 2016 में कुत्तों के वैक्सिनेशन का काम शुरू हुआ था, जो 20 दिन बाद ही बंद हो गया. इसके बाद निगम ने 2018 में “डॉग कैचर वाहन” खरीदा, दो-चार कुत्ते भी पकड़े गए , लेकिन बात केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी तक पहुँच गई और निगम को यह अभियान रोकना पड़ा. अब बंध्याकरण का प्रयास तीसरी बार हो रहा है.
हजार कुत्तों का बंध्याकरण : स्नेह एनिमल वेलफेयर सोसायटी के डॉ धीरज कुमार ने बताया कि उनकी संस्था हरियाणा की है. धनबाद के अलावा देवघर में भी वे लोग काम कर रहे हैं. आवारा कुत्तों का प्रजनन रोकने के लिए काम किया जा रहा है. साथ ही लोगों को रैबीज से बचाने के लिए कुत्तों को एंटी रैबीज के टीके लगाये जा रहे हैं. महीने भर में 1000 से अधिक कुत्तों की नसबंदी की गई है.
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