Kishanganj : बिहार में मानसून सक्रिय हो गया है. नेपाल की सीमा से लगने वाले बिहार के जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. जिससे बिहार का किशनगंज जिला काफी प्रभावित हो रहा है. तराई के इलाके में भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर है. किशनगंज जिले का निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. जिससे वहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीण अपने घर छोड़कर जाने को मजबूर हो गये है. बाढ़ का पानी गांव में घुसने के कारण कटाव भी तेज हो गया है और सड़कें भी डूब गई हैं. बता दें कि बरसात में बिहार के सीमांचल का इलाका अक्सर बाढ़ की चपेट में आ जाता है. पढ़ें – बिहार में वज्रपात से 16 लोगों की मौत, सीएम ने जताया शोक, अगले 24 घंटे भी रहना होगा अलर्ट
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रतुआ, कंकाई आदि नदियों का जलस्तर बढ़ गया है
नेपाल के तराई क्षेत्र और किशनगंज में हो रही बारिश से रतुआ, कंकाई आदि नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है. जिससे टेढ़ागाछ प्रखंड के निचले इलाके में पानी घुस गया है. टेढ़ागाछ प्रखंड के हवा कौल, चिल्हनिया पंचायत के सुहिया गांव सहित कई अन्य गांवों में पानी भर गया है. कई जगहों पर सड़के डूब गई है. लोग नाव के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं. बाढ़ वाले इलाके से एक तस्वीर सामने आयी है. जिसमें एक बच्ची को बूढ़े पिता के साथ खुद ठेला में जरूरी सामान लेकर सुरक्षित जगह जाते हुए देखा गया.
रेतुआ नदी के कटाव की चपेट में कई गांव आ गये है
रेतुआ नदी के कटाव की चपेट में भोरहा, आशा, धापरटोला, लौधाबाड़ी, डोरिया, दर्जनटोला, गढ़ीटोला, खजूरबाड़ी, हाथीलद्दा, हवाकोल, बभनगांवा, चिल्हनिया, सुहिया हाट टोला, हाटगाव, आदिवासी टोला, कोठीटोला, देवरी आदि गांव आ चुके हैं. वहीं, कनकई नदी के जलस्तर में वृद्धि से कटाव की जद में बीबीगंज, कंचनबाड़ी, भेलागोरी, पत्थरघट्टी, सुंदरबारी, मालीटोला, मटियारी, हरहरिया, बलवाडांगी, सिरनियां, ग्वालटोली सहित दर्जनों गांव आ चुके हैं.
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