LagatarDesk : भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों उथल-पुथल देखने को मिल रही है. इसके बावजूद विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा कायम है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने मार्च में अब तक भारतीय इक्विटी में 11,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें अडानी ग्रुप की कंपनियों में अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स के बड़े निवेश का प्रमुख योगदान है. मार्च में अब तक के कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने कैपिटल गुड्स सेक्टर में लगातार खरीदारी की है. एफपीआई का रुख इक्विटी बाजार में सकारात्मक रहा. लेकिन डेट मार्केट में एफपीआई शुद्ध बिकावाल ही रहें. एफपीआई ने डेट मार्केट में 2,550 करोड़ की बिकावाली की है. (पढ़ें, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने कहा, सरकारें पंजाब में आतंक का माहौल पैदा करने से बचें)
जनवरी-फरवरी में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से निकाले पैसे
बता दें कि इससे पहले एफपीआई लगातार दो महीने से बिकवाली कर रहे थे. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने फरवरी में 5,294 करोड़ और जनवरी में 28,852 करोड़ की शुद्ध निकासी की थी. इस तरह साल 2023 में अभी तक एफपीआई ने इक्विटी में शुद्ध रूप से 22,651 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. वहीं दिसंबर 2022 में फॉरेन इन्वेस्टर्स ने 11,119 करोड़ और नवंबर में 36,239 करोड़ रुपये का निवेश किया था. हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक में आयी वित्तीय संकट से आने वाले दिनों में एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं.
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अडानी ग्रुप की कंपनियों का निवेश हटाने से एफपीआई निवेश रहा नकारात्मक
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीति वीके विजयकुमार ने कहा कि जीक्यूजी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में 15,446 करोड़ का निवेश किया है. अगर इसे हटा दिया जाये तो एफपीआई निवेश नकारात्मक है. वहीं मॉर्निंगस्टार इंडिया में एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि लंबे समय के लिए भारतीय बाजार अन्य विदेशी बाजारों के बेहतर स्थिति में है.
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