LagatarDesk : शेयर बाजार में बीते सप्ताह उतार-चढ़ाव देखने को मिला. ऐसे में विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपने पैसे निकाल रहे हैं. अक्टूबर में अबतक निवेशकों ने 7458 करोड़ की निकासी कर ली है. यह पैसे 3 से 14 अक्टूबर के दौरान शेयर बाजार से निकाले गये हैं. मार्केट एक्सपर्ट की मानें तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व और दुनिया भर के अन्य सेंट्रल बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को सख्त किये जाने की चिंताओं के कारण सेंटीमेंट प्रभावित हो रहे हैं. (पढ़ें, रांची : कारोबारी से पीएलएफआइ एरिया कमांडर के नाम पर मांगी गयी दो करोड़ की रंगदारी)
2022 में अबतक 1.76 लाख करोड़ की बिकवाली
आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने सितंबर माह में शेयर बाजार से 7624 करोड़ निकाले थे. इससे पहले एफपीआई ने अगस्त में घरेलू शेयर बाजार में 51,200 करोड़ और जुलाई में 5,000 करोड़ का निवेश किया था. हालांकि अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक एफपीआई ने लगातार नौ महीने तक बिकवाली की थी. 2022 की बात करें तो फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने अब तक भारतीय बाजार से 1.76 लाख करोड़ की निकासी की है.
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जियो पॉलिटिकल टेंशन और ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन का बाजार पर असर
गौरतलब है कि भारतीय बाजार के सेंटिमेंट में विदेशी निवेशकों का बड़ा योगदान होता है. बीते सप्ताह निफ्टी में 0.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. शुक्रवार को यह 17185 के स्तर पर बंद हुआ था. बैंक निफ्टी 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 39305 के स्तर पर बंद हुआ था. IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि जियो पॉलिटिकल टेंशन और ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन का बाजार के सेंटिमेंट पर नेगेटिव असर दिख रहा है. फेडरल रिजर्व का इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर अग्रेसिव रुख अभी जारी रहेगा. जिससे लिक्विडिटी पर दबाव बढ़ेगा. इसका असर इकोनॉमिक स्लोडाउन पर भी पड़ सकता है.