NewDelhi : पूर्व आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने चीनी सेना को हुड़दंगी और गली का गुंडा करार दिया है. जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना खुद को 21वीं सदी की सबसे स्मार्ट और प्रोफेशनल मिलिट्री समझती है, लेकिन उनकी हरकतें हुड़दंगी और स्ट्रीट फाइटिंग से ज्यादा नहीं लगतीं. रिटायर्ड जनरल अरुणाचल के तवांग में भारतीय सेना के साथ हुई झड़प पर अपनी बात रख रहे थे. जनरल नरवणे न्यूज एजेंसी ANI के सवालों के जवाब दे रहे थे. 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में चीन की हरकत को लेकर कहा कि वे हर साल ऐसी कोशिश करते हैं. हर बार उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ती है.
Balakot strikes gave clear message to Pakistan that it will suffer more if it attacks India: Gen Naravane
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— ANI Digital (@ani_digital) December 14, 2022
क्या चीन की सेना 21वीं सदी की पेशेवर सेना है?
जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना इस हद तक गिर चुकी है कि हुड़दंग और स्ट्रीट फाइटिंग कर रही है. उनका कहना था कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी हुड़दंग करने और गली-मोहल्लों में होने वाली लड़ाईयों की तरह झड़प करने के हद तक गिर चुकी है. क्या वह 21वीं सदी की पेशेवर सेना है? चीनी सेना कील लगे डंडों के साथ आ रही है. इसे हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि भारत वह देश है जिसने दुनिया को दिखाया है कि पड़ोसी की धौंस का जवाब देना मुमकिन है. मैं पूरे विश्वास के साथ देश को कह सकता हूं कि हम हमेशा तैयार हैं, हम पर आक्रमण होगा तो उसका जवाब देने को हम तैयार हैं.
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चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात बदलने की कोशिश कर रहा है
पूर्व आर्मी चीफ ने नरवणे कहा कि कई सालों से चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालात बदलने की कोशिश कर रहा है. वो इसे बहुत धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ा रहा है. गलवान झड़प को लेकर कहा कि हमारी सेना से जितना हो सकता था, उतना किया.
जान लें कि 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे, जबकि चीन के 38 सैनिकों के मारे जाने की खबर मिली. हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी.
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हम हमेशा PP15 तक पेट्रोलिंग करते रहे हैं
तवांग में हुई झड़प को लेकर जनरल नरवणे ने कहा कि हम हमेशा PP15 तक पेट्रोलिंग करते रहे हैं, लेकिन चीनी सैनिक हमें पेट्रोलिंग पॉइंट पर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. यह हमें अस्वीकार्य था. आर्मी चीफ ने कहा कि हमें पेट्रोलिंग करने से रोकने के लिए उन्होंने छोटी चौकी स्थापित की थी, जिस पर हमारी कड़ी आपत्ति थी. इसके बावजूद वह अड़े रहे कि हम वापस नहीं जायेंगे. इस पर हमारी सेना ने और मुखर विरोध किया. इसके बाद चीनी सैनिक के साथ PP15 पर झड़प हुई.
बालाकोट स्ट्राइक ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया
अपने साक्षात्कार में जनरल नरवणे ने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें बाजवा ने कहा था कि 1971 के बांग्लादेश युद्ध की पराजय एक राजनीतिक हार थी, न कि पाकिस्तानी सेना की हार. भारत के सामने पाकिस्तान के सिर्फ 34 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था ना कि 93 हजार. जनरल नरवणे ने कहा कि तथ्य और इतिहास नहीं बदले जा सकते. 1971 में पाकिस्तानी सेना के जनरल नियाजी को आत्मसमर्पण करते हुए दिखाती तस्वीर बताती है कि हम बिना कुछ कहे क्या कर सकते हैं. बालाकोट स्ट्राइक पर कहा कि इससे पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया गया कि अगर उसने भारत पर हमला किया तो उसे भारी नुकसान होगा.