Ranchi: झारखंड राज्य अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/ जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ को एक्टू, भाजपा और आजसू के नेताओं का भी समर्थन मिला है. गौरतलब है कि राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे अनुबंध कर्मचारियों के अनशन का आज चौथा दिन है. अनशन पर बैठे कर्मियों की स्थिति खराब हो रही है. लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और ना ही विभागीय मंत्री ने अपने कर्मचारियों की सुधि ली है. ऐसे में कर्मियों के अंदर राज्य सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा है. वहीं अब तक तीन अनशनकारियों को तबीयत खराब होने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

अनुबंध कर्मियों के मामले को विधानसभा में उठाने का करेंगे काम: सीपी सिंह
रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि पहले अनुबंध कर्मियों ने धरना दिया और जब मांग नहीं मानी गई तो वे आमरण अनशन पर जाने को मजबूर हो गए. उनके अनशन को मैं समर्थन देने आया हूं और विधानसभा के अंदर भी मामले को उठाएंगे. सरकार को सदन के अंदर जवाब देना होगा. मैं अपने दायित्व को समझता हूं. तभी यहां आया हूं. उन्होंने कहा कि विधायक की जो परिधि होती है उस दायरे के अंदर हर संभव मदद करूंगा.
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वार्ता कर आंदोलन को खत्म कराए राज्य सरकार: कुशवाहा शिवपूजन मेहता
वहीं आजसू नेता और हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी अनुबंध कर्मियों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त हेमंत सोरेन ने अनुबंध शब्द को हटाकर नियमित करने की बात कही थी, लेकिन सरकार बनने के तीन साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ है. आम आदमी की समस्याओं से जुड़कर इसका हल करना ही हमारा प्रयास है. उन्होंने कहा कि हम अपने संवैधानिक अधिकार के तहत इनके प्रदर्शन और समस्याओं को सुनने आए हैं. एनएचएम कर्मियों के आंदोलन को लाठी के बल पर कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार ने जो कहा था उसे पूरा करना चाहिए. सार्थक पहल कर वार्ता करते हुए आंदोलन को समाप्त करना चाहिए.
साझा कार्यक्रम बनाकर एक बड़े आंदोलन की जरूरतः शुभेंदु सेन
वहीं एक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि चुनाव से पूर्व हेमंत सोरेन अनुबंधकर्मियों के नियमित करने के लिए वचनबद्ध थे, लेकिन आज उन्हें अपने ही कर्मचारीयों की फिक्र नहीं है. उन्होंने आंदोलन कर रहे कर्मियों को संबेधित भी किया. कहा कि एक्टू से संबद्ध रखने वाले सभी यूनियन को इस आंदोलन को समर्थन के लिए आगे आने की अपील करता हूं. ताकि विधानसभा के अंदर सरकार को कैसे घेरा जाए इसकी भरपूर कोशिश हो. रोजगार के प्रति उदासीनता और स्वास्थ कर्मियों की अनदेखी निजीकरण की ओर इंगित करता है. शुभेंदु ने कहा कि साझा कार्यक्रम बना कर एक बड़े आंदोलन की जरुरत है.
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हठधर्मिता छोड़ो राज्य सरकारः समरी लाल
कांके विधायक समरी लाल भी अनुबंध कर्मचारीयों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए राज्य सरकार को हठधर्मिता छोड़ कर कर्मियों के मांगों पर विचार करने की बात कही है. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश भी अनुबंध कर्मियों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.

