Ranchi : भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियमों में अक्टूबर 2021 में संशोधन किया गया, जिसे एक जनवरी 2022 से लागू किया गया. नए संशोधन के अनुसार, अब खाद्य सामग्री के बिलों पर रजिस्ट्रेशन नम्बर अनिवार्य है. जिस प्रकार जीएसटी नम्बर बिलों पर रहता है ठीक उसी प्रकार अब खाद्य सामग्रियों के बिलों पर एफएसएसएआई का होना जरुरी है. एफएसएसएआई नंबर से पता चलता है कि सामान कहां से खरीदा गया है. वहीं बेचने वालों संस्थान का एफएसएसएआई नंबर से पहचान किया जा सकता है. यदि किसी प्रकार का कोई अशुद्ध खाद्य पदार्थ है जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की बीमारी या नुकसान होता है और इसकी शिकायत की जाती है तो उस नंबर के जरिये विक्रेता पर कार्यवाही की जा सकती है. यदि एफएसएसएआई नंबर नहीं होगा तो कार्यवाही अज्ञात के ऊपर नहीं की जा सकती है.
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जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने क्या कहा
जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुबीर रंजन ने कहा कि जिले में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियमों के प्रति उपभोक्ता और विक्रेता को जागरूक किया जा रहा है. बड़ी संख्या में ऐसे विक्रेता हैं जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि संशोधित नियमों के तहत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण का रजिस्ट्रेशन नंबर बिल में होना अनिवार्य है. अभी होली आने वाली है, होली में ट्रकों पर खाद्य सामग्रियों का आवागमन होता है, और वह बाजारों में बिकती है. खाद्य सामग्रियों को हम सैंपलिंग करके जांच करेंगे और वह जहां से खरीदी गई है उसके बिल पर एफएसएसएआई नंबर की जांच करेंगे. क्योंकि एफएसएसआई नंबर होने से यह स्पष्ट होता है कि सामान कहां से खरीदी गई है. नंबर ना होने के कारण या बिल ना होने के कारण अज्ञात पर कार्यवाही नहीं किया जा सकती. जिला खाद्य सुरक्षा विभाग होली को लेकर पूरी तरह सजग है. हम पहले सभी को जागरूक कर रहे हैं और यह भी कह रहे हैं एफएसएसएआई का प्रमाण पत्र अपने संस्थान में लगा कर रखें जहां उपभोक्ताओं उसे देख सकें. अधिकारी ने कहा कि जागरूक करने के बाद यदि बिक्रेता नहीं मानते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.
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फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 में प्रावधान
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के अनुसार मिलावटी सामान बेचने और अनियमितता बरतने वाले दोषियों को पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक के दंड लगाया जा सकता है.