Hazaribagh : धनबाद में जिस अभ्यर्थी को अयोग्य करार दिया गया, उसी को हजारीबाग में योग्य बताकर उसका चयन कर लिया गया. वहीं विभाग में जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत अनुबंधकर्मी को बिना नोटिस दिए छंटनी कर बहाली प्रक्रिया में भाग तक नहीं लेने दिया गया. दरअसल हजारीबाग पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल में छंटनी और नियुक्ति का अलग ही गोरखधंधा चल रहा है. जिला समन्वयक ने ही मेधा सूची पर सवाल उठाते हुए डीसी से न्याय की गुहार लगाई है.
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डीसी को दिए आवेदन में हजारीबाग पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के जिला समन्वयक शाहिद अली ने कहा है कि वह वर्ष 2013 से काम कर रहे हैं. उनकी नियुक्ति पत्र में यह जिक्र है कि उनका अनुबंध समाप्त करने के पहले विभाग की ओर से एक माह पहले नोटिस देना है. उनका अनुबंध समाप्त करने संबंधी आज तक कोई नोटिस विभाग की ओर से नहीं दिया गया. सबसे दिलचस्प बात यह है कि शाहिद अली की सेवा विस्तार की अनुशंसा खुद विभाग ने ही की है. डीसी को दिए आवेदन में जिला समन्वयक ने लिखा है कि एक अभ्यर्थी विजय कुमार को धनबाद में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने अयोग्य करार दे दिया. वहीं हजारीबाग की मेधा सूची में उसका नाम सबसे ऊपर अंकित है. उसकी मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई भी बिहार से हुई है, जबकि बहाली में शैक्षणिक योग्यता झारखंड से मांगी गई है. हजारीबाग पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के जिला समन्वयक शाहिद अली ने डीसी से पूरे मामले में जांच कराने की मांग की है.
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