Saraikela : गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत मुड़िया पंचायत के हाथीटांड़ में रविवार को आदिवासी कुर्मी समाज समिति ने काडा खूंटा (भैंस खूंटा) पर्व का आयोजन किया. कार्यक्रम में स्थानीय और दूरदराज से काफी संख्या में दर्शक पहुंचे और उत्सव का आनंद लिया. बांदना पर्व पर महतो व संथाल बहुल गांवों में पशुधन की पूजा अर्चना करते हुए तीसरे व चौथे दिन पशुओं को नचाया जाता है. पशु धन को नहला धुला कर उसके सींग में तेल लगाकर शरीर को विभिन्न रंगों से सजाया जाता है. अंतिम दिन जिसे बूढ़ी बांदना पर्व कहते हैं, उस दिन बैल और भैंसा को खुटाने की परंपरा है.
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गांव के चौराहे पर भैंसा और बैल को मजबूत खूंटा में रस्सी से बांधा जाता है. इसके बाद ढोल व मांदर की थाप पर नचाया जाता है. मांदर की थाप पर गाय, बैल व भैंसा नाचते हैं, जिसे गोरु खूंटा या काड़ा खूंटा कहा जाता है. हाथीटांड़ गांव के काड़ा खूंटा क्षेत्र में काफी मशहूर है और दूरदराज से लोग इसे देखने आते हैं. कार्यक्रम को सफल बनाने में युधिष्ठिर महतो, फूलचंद महतो, उदय शंकर महतो, समीर महतो, रूपेश महतो, सूरज महतो, मुकेश महतो और समिति के सभी सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई.