Badajamda : बड़ाजामदा-नोवामुण्डी मुख्य सड़क से रेलवे साईडिंग होते हुए आठ गांवों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क लंबे समय से दलदल और गड्ढों में तब्दील हो गई है. इस मार्ग से लौह अयस्क की ढुलाई के कारण भारी वाहन तो किसी तरह चल रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह प्रभावित है. सालों से इस समस्या को झेल रहे ग्रामीणों ने खुद ही इसका समाधान करने की ठानी. विभिन्न गांवों के दर्जनों ग्रामीण कुदाल और फावड़ा लेकर श्रमदान से सड़क के गड्ढों को सुबह नौ बजे से ही भरने का काम शुरू किया. दूसरी ओर ग्रामीणों के श्रमदान के कारण इस मार्ग से होने वाले टीएसएलपीएल कंपनी के लौह अयस्क की ढुलाई सुबह से ही पूरी तरह से ठप पड़ गई. शाम तक ढुलाई का काम ठप पड़ा था. कंपनी की ओर से सड़क पर मुरूम तो गिराई गई है लेकिन उससे रास्ता और भी कीचड़मय हो गया है. ग्रामीण स्थाई समाधान की मांग पर अड़े हैं और अपना काम जारी रखे हुए हैं.
हम तो सड़क ठीक कर रहे, ट्रांसपोर्टिंग नहीं रोकी
लौह अयस्क की ढुलाई ठप पड़ने से कंपनी को भारी नुकसान हुआ. इसकी सूचना मिलने के बाद बड़ाजामदा पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. जिससे कंपनी का लौह अयस्क बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग में लोडिंग के लिए जा सके. दूसरी ओर, ग्रामीणों का कहना है कि हमने ट्रांसपोर्टिंग नहीं रोकी है, बल्कि हम सड़क की मरम्मत कर उसे चलने लायक बना रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस काम से उन्हें तब तक कोई नहीं रोक सकता जबतक कि सड़क निर्माण कराकर समस्या का स्थाई समाधान नहीं करा दे. हम इस सड़क को हमारे दुपहिया वाहनों और पैदल चलने के लायक बना रहे हैं. सड़क निर्माण के लिए श्रमदान में पंड्राशाली निवासी तारिणी आपट, शशि आपट, मुखिया राजा तिर्की, बेनुधर बारीक, उप मुखिया ओम प्रकाश सिंह, कपिल केरकेट्टा, प्रेम आपट, जितेन गोप, रंजन आपट, विकास बारीक, पवन गोप आदि जुटे थे.
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ग्रामीणों के लिए शहरों से संपर्क का यही रास्ता
पिछले चार साल से इस जर्जर सड़क की वजह से इन गांवों का संपर्क बड़ाजामदा व दूसरे शहरों से कट सा गया है़. गौरतलब है कि बड़ाजामदा पेट्रोल पंप से रेलवे साईडिंग की इसी मुख्य सड़क होते पंड्रासाली, टंकीसाई, नयागांव, दिरीबुरु, बस्ती जामदा, ठाकुरा, कंतोड़िया, लिपुंगा आदि गांव के हजारों ग्रामीण बड़ाजामदा व अन्य शहरों की ओर आना-जाना करते हैं. इसके अलावा रोजाना लगभग 300 स्कूली बच्चे इसी रास्ते से बड़ाजामदा, बोलानी, बड़बिल, नोवामुंडी सहित विभिन्न जगहों पर ट्य्शन पढ़ने जाते हैं. कुछ साल पहले क्षेत्र की विभिन्न खदान प्रबंधनों ने ग्रामीणों के साथ बैठक के बाद संयुक्त रूप से इस सड़क को बनाने की सहमति दी थी, लेकिन रेलवेब्रिज होने के साथ ही अन्य एनओसी की समस्या से इस सड़क का निर्माण नहीं हो सका. 2019 में नाराज ग्रामीणों ने इस सड़क पर बोर्ड लगा सांसद, विधायकों के प्रवेश पर रोक लगा दिया था.
प्रशासन और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को सबक सीखनी चाहिए और जनता के हित मे समुचित कदम उठानी चाहिए साथ ही कम्पनियों को ध्यान रखना चाहिए कि वे भी जनहित के ख्याल रखे