NewDelhi : पंजाब की रोपड़ जेल के बाहर खड़ी गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस का रहस्य अब खुल रहा है. बता दें कि पंजाब के कोर्ट में पेशी में इस्तेमाल होने वाली एंबुलेंस को लेकर उप्र के पूर्व डीजीपी व राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने खुलासा किया है. उन्होंने जानकारी दी है कि एंबुलेंस चलता-फिरता किला है.
एंबुलेंस में मुख्तार अपने प्रिय हथियार .38 बरेटा पिस्टल, .357 मैग्नम रिवाल्वर, .45 पिस्टल और सैटेलाइट फोन रखता है. बृजलाल के अनुसार मुख्तार अंसारी जब उप्र विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने आता था, उसके साथ यह एंबुलेंस भी आती थी. बताया कि पंजाब की रोपड़ जेल के बाहर भी यही एंबुलेंस खड़ी रहती है. इससे पंजाब सरकार व मुख्तार के बीच मिलीभगत उजागर होती है.
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गाजीपुर जेल में तत्कालीन डीएम उसके साथ बैडमिंटन खेलते थे.
बृजलाल ने कहा कि 2004 में गाजीपुर जेल में तत्कालीन डीएम उसके साथ बैडमिंटन खेलते थे. मुख्तार जेल में तालाब बना कर मछली पालता था. बृजलाल का दावा है कि मुख्तार को विदेशी फंडिंग भी होती रही है. बता दें कि एंबुलेंस के मामले में शुक्रवार को उप्र के बाराबंकी जिले में डॉ अलका राय के खिलाफ FIR दर्ज की गयी है. परिवहन विभाग ने शुरूआती जांच में पाया है कि इस एंबुलेंस के पंजीकरण के कागजात भी फर्जी हैं.
एंबुलेंस बाराबंकी में फर्जी पते पर पंजीकृत हो गयी
FIR दर्ज होने के कुछ घंटों के बाद भाजपा गोरक्ष प्रांत की महिला मोर्चा की महामंत्री डॉ अलका राय ने पुलिस को तहरीर दी, जिसमें बताया कि वर्ष 2015 में मुख्तार के प्रतिनिधि ने उनसे एक कागज पर दस्तखत कराया था, जिसमें बताया था कि जनता के लिए मऊ विधायक एक एंबुलेंस खरीद रहे हैं, इसके लिए किसी अस्पताल का रिफ्रेंस होना जरूरी है. इसलिए उन्होंने हस्ताक्षर कर दिये थे.
एंबुलेंस बाराबंकी में फर्जी पते पर कैसे पंजीकृत हो गयी, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बता दें कि मुख्तार वर्तमान में पंजाब की जेल में बंद है. जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसकी कस्टडी उत्तरप्रदेश पुलिस को सौंपी जायेगी.
UP 41 AT 7171 नंबर की यह एंबुलेंस साल 2013 में बाराबंकी से रजिस्टर की गयी थी. इसे पंजाब में बुलेट प्रूफ किया गया. यह मऊ के संजीवनी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर की गयी थी. इस पर संजीवनी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ एसएन राय के हस्ताक्षर भी हैं. खबर है कि राज्य सरकार अब एंबुलेंस से जुड़ी जानकारियों की जांच करा रही है.
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