-कहा: हासिये पर हैं राज्य भर के चिकित्सक
-मुख्यमंत्री-स्वास्थ्य मंत्री ने फोन पर बात करना तक मुनासिब नहीं समझा
Ranchi: सूबे के चिकित्सकों पर हो रहे हमले से झासा में आक्रोश है. हाल के दिनों में हुई घटना को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, झासा और सरकारी डॉक्टरों की आपातकालीन बैठक आईएमए भवन में हुई. जहां चिकित्सकों का आक्रोश फूटा. जामताड़ा, हजारीबाग, गढ़वा के बाद पेटरवार के डॉ अजय चौधरी पर हमला किया गया, मारपीट तक की गई है. वहीं गढ़वा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अवधेश सिंह और डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह के साथ वहां के जिला परिषद अध्यक्ष कंचन कुमार साहू, तनवीर आलम, नीतीश सिंह व उनके द्वारा बुलाए गए कार्यकर्ताओं ने गाली गलौज एवं मारपीट की घटना को अंजाम दिया. ऐसे में बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज व सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक बुधवार को चिकित्सा सेवा ठप करेंगे.
राज्य भर में चिकित्सकों के लिए बन गया असुरक्षित वातावरण: डॉ प्रदीप कुमार सिंह
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि सिविल सर्जन जैसे वरीय पदाधिकारियों से लेकर जिले व छोटे अस्पतालों में भी काम करने वाले डॉक्टरों पर हमले हो रहे हैं. चिकित्सकों के लिए असुरक्षित वातावरण बना है. गढ़वा में सिविल सर्जन जैसा वरिष्ठ पदाधिकारी को बंद कर मारपीट की जाती है. अभद्र व्यवहार किया जाता है, और यहां तक कि घटना की सीसीटीवी फुटेज को डिलीट कर दिया जाता है. लेकिन सरकार की ओर से संज्ञान तक नहीं लिया जाता है. अब सीमा पार हो गई है. डॉ प्रदीप ने कहा कि बुधवार को राज्यभर के चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे.
डॉक्टरों के लिए अमर्यादित भाषा का हो रहा है प्रयोग: डॉ पीपी शाह
वहीं झासा के अध्यक्ष डॉ पीपी शाह ने कहा कि लगातार चिकित्सकों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी सिविल सर्जन को घसीट कर लाने की बात कहते हैं. ऐसे में हमारी गोलबंदी जरूरी है. बुधवार को होने वाले हड़ताल में राज्यभर के पारा मेडिकल कर्मी, नर्स, दवा दुकान और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों से भी हड़ताल को समर्थन देने की अपील की गई है.
बुधवार को दिखाएंगे ताकत
वहीं झासा के राज्य सचिव डॉ मृत्युंजय सिंह ने कहा कि गढ़वा की घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाए. क्योंकि चिकित्सकों में डर का माहौल व्याप्त है. उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चिकित्सकों को पीटता हुआ देखना चाहते हैं. इससे समाज में गलत संदेश जाता है. ऐसी घटना चिकित्सकों को आहत करता है. घटना के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया, लेकिन वहां से एक फोन तक नहीं आना चिंता की बात है. आज हम चिकित्सक हासिये पर हैं. हम अपनी ताकत का परिचय बुधवार को देंगे.