कोर्ट के आदेश पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में दखल दिहानी कराने पहुंची थी पुलिस
Arun Kumar Yadav
Garhwa : गढ़वा जिले के रमना थाना क्षेत्र के बहियार गांव में दखल दिहानी के लिए गई पुलिस और ग्रामीणों के बीच बुधवार को झड़प हो गई. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने भी लाठीचार्ज करते हुए आत्मरक्षा में चार राउंड फायरिंग भी की. इस झड़प में मजिस्ट्रेट सहित 11 जवान जख्मी हो गए. जिसमें चार पुलिस के जवान को गंभीर चोट लगी है. चारों को तत्काल रमना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां दो जवानों की गंभीर स्थिति को देखते प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
गढ़वा जिले के रमना में कोर्ट के आदेश पर वादी प्रेमनाथ उरांव को जमीन पर कब्जा दिलाने अनुमंडल दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की पुलिस बल के साथ बुधवार को पहुंचे थे. घटना के बाद दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस नंबर 3/22 में डिग्री धारी प्रेमनाथ उरांव को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पहुंचे थे. जमीन मापी के क्रम में प्रतिवादी द्वारा खुटा गड़ी नहीं करने को लेकर विवाद शुरू कर दिया. काफी समझाने के बाद भी वे लोग नहीं माने साथ ही भूमि नापी करने आए कर्मियों अचानक हमला कर दिया. घायलों में दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की, अनुमंडल पुलिस निरीक्षक रतन कुमार सिंह, नगर ऊंटरी थाना प्रभारी विकास कुमार, कोर्ट नाजीर रवि किशोर सिंह, सहायक आरक्षी विकेश कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक रमाकांत यादव, सहायक अवर निरीक्षक अरुण कुमार रजक, पुलिस जवान नरेंद्र कुमार, संजय हेब्रम,विजेंद्र कुमार सिंह, रामदेव उरांव का शामिल हैं.
घटना के बाद किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए बहियार खुर्द घटनास्थल पर महिला पुलिस के साथ जवान को तैनात कर दिया गया है. साथ ही पुलिस पर हमला करने वाले एक हमलावर कुलदीप उरांव को हिरासत में ले लिया है. जबकि अन्य लोग फरार बताए जा रहे हैं.
मामला दर्ज कर होगी आगे की कार्रवाई : एसपी
वहीं घटना के संबंध में पुलिस कप्तान दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि न्यायालय का दखल दिहानी का आदेश था. दखल दिहानी कराने के लिए दंडाधिकारी पुलिस बल के साथ रमना थाना क्षेत्र के बहियार गांव गए हुए थे. जहां ग्रामीणों ने पथराव कर जवानों और पदाधिकारियों को घायल कर दिया है. घायलों का इलाज कराया जा रहा है. घटना को लेकर मामले दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार वादी प्रेमनाथ उरांव व हरिहर उरांव सहित अन्य के साथ वर्ष 1996 से भूमि विवाद चल रहा था. जिसके बाद प्रेमनाथ उरांव को कोर्ट के द्वारा जायज ठहराते हुए डिग्री दे दी गई. साथ ही अनुमंडल दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की को भूमि पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया गया था. जिसके बाद दंडाधिकारी अपने दलबल के साथ पहुंचे थे. लेकिन प्रतिवादी हरिहर उरांव, सुरेश उरांव, संजय उरांव, लालदेव उरांव, रामेश्वर उरांव, राजमोहन उरांव, छोटू उरांव, राममोहन उरांव, राजेश्वर उरांव एवं केश्वर उरांव आदि द्वारा विवाद खड़ा करते हुए पुलिस के साथ झड़प शुरू कर दी और स्थिति गंभीर हो गई.
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