Arun Kumar Yadav
Garhwa : गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखंड के प्लस टू उच्च विद्यालय राजी में कक्षा एक से सातवीं तक के विद्यार्थियों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी यहां पढ़ने वाली छात्राओं को होता है. स्कूल की छात्राओं ने बताया कि स्कूल में शौचालय का निर्माण हुआ था, मगर काफी दिनों से क्षतिग्रस्त है. जिसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है. इस वजह से हमलोगों को कई बार शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. प्रिंसिपल मनोज कुमार से इस संबंध में कई बार शिकायत की गई, मगर कोई सुनवाई नहीं होती.
क्या कहते हैं ग्रामीण
राजी गांव के ग्रामीण अमरेश पटेल, अमर प्रताप मेहता ,बाबूलाल पटेल, देव कुमार यादव, अनिरुद्ध पासवान, विपिन मेहता, गिरवर पासवान, लालदेव मेहता आदि ने बताया कि हमारी बहन, बेटी स्कूल में खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. यह सब प्रिंसिपल की लापरवाही से हो रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल में पढ़ाई से लेकर हर व्यवस्था डमाडोल है. मध्याहन भोजन में लगभग एक साल से हरी सब्जी नहीं दिया जा रहा है. वहीं बच्चों को पेट भर भोजन भी नहीं मिलता है. स्कूल के शिक्षकों का बच्चोँ को पढ़ाने में कोई ध्यान नहीं है. विद्यालय में बच्चों को कभी एक घंटी तो कभी तीन घंटी पढ़ा कर छोड़ दिया जाता है.
क्या कहते हैं स्कूल के प्रिंसिपल
प्रिंसिपल मनोज कुमार ने बताया कि स्कूल के भवन निर्माण के समय से ही शौचालय क्षतिग्रस्त है. चार माह से मध्यान भोजन का प्रभार अध्यक्ष एवं संयोजिका को सौंप दिया गया है. अभी सब्जी महंगी है, इस वजह से नहीं दिया जा रहा है. स्कूल में ठीक से पढ़ाई नहीं होने के सवाल पर कहा कि सहयोगी शिक्षक -शिक्षिकाओं को पढ़ाने का दबाव बनाते हैं तो राजनीति करने लगते हैं.
जांच के बाद होगी कार्रवाई : डीईओ
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी आकाश कुमार का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह जांच का मामला है. अपने कनीय पदाधिकारियों से विषय वस्तु की जांच कराएंगे. जांच में मामला सही पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
प्लस टू स्कूल के शौचालय का नहीं करने दिया जाता उपयोग
बता दें कि राजी गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कक्षा एक से 7वीं तक की पढ़ाई होती थी. परंतु उमवि राजी एवं प्लस टू उच्च विद्यालय का यू डायस कोड एक होने के कारण उमवि राजी को प्लस टू उच्च विद्यालय के साथ दो वर्ष पहले मर्ज कर दिया गया. दोनों स्कूल का भवन सटा हुआ है. बताया जाता है कि वर्ष 2015 में विधायक मद से विद्यालय भवन एवं शौचालय का निर्माण कराया गया था, मगर उसी समय से टंकी एवं शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा है. मर्ज होने के बाद स्कूल प्रबंधन समिति के खाता में दो बार विकास मद की राशि आ चुकी है, मगर उस राशि से शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया. प्लस टू स्कूल के साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय के मर्ज होने के बाद कक्षा एक से कक्षा सातवीं तक के छात्र-छात्राओं को प्लस टू स्कूल के शौचालय का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता है. इन बच्चों से कहा जाता है कि ये लोग शौचालय को गंदा कर देंगे.
बता दें कि झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा शौचालय की साफ-सफाई और उसकी मरम्मति पर 10% राशि खर्च करने का प्रावधान है. बावजूद स्कूल के प्रिंसिपल के द्वारा शौचालय को दुरुस्त नहीं कराना लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है.
इसे भी पढ़ें : पलामू : ACB की कार्रवाई, हल्का कर्मचारी को घूस लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार