Ranchi : जेएसएलपीएस द्वारा केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) के सहयोग से SIRD, हेहल में डायन कुप्रथा से पीड़ित महिलाओं के लिए दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन गरिमा परियोजना के तहत किया गया. इस प्रशिक्षण का शुभारंभ नैंसी सहाय और सीआईपी के निदेशक प्रो. डॉ. बासुदेब द्वारा किया गया. नैंसी सहाय ने सत्र में मौजूद महिलाओं को संबोधित करते हुए उनके सवालों के जवाब दिये और कहा कि गरिमा परियोजना के तहत लाभार्थियों को उनके मूल अधिकार प्रदान करने के साथ ही उनके परिवारों को सम्मानजनक जीवन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
डायन कुप्रथा से पीड़ित 53 महिलाओं ने भाग लिया
प्रशिक्षण में गरिमा परियोजना के तहत बोकारो, गुमला, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम से चिन्हित डायन कुप्रथा से पीड़ित 53 महिलाओं ने भाग लिया. इस सत्र में पीड़ित महिलाओं ने अपनी आप-बीती सुनाई और साझा किया कि कैसे गरिमा परियोजना से जुड़कर वह अपनी नई जिंदगी की पारी शुरू कर रही हैं. इस सत्र का मुख्य उद्देश्य पीड़िताओं को बीती बातों को भूल मानसिक रूप से स्वच्छ कर मानसिक स्वस्थ बनाये रखने का है. इसके पश्चात उन्हें सशक्त आजीविका से जोड़ना है.
पीड़ित महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा
इसके साथ ही इस सत्र में सीआईपी टीम द्वारा मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा पर प्रतिभागियों को एक प्रस्तुति दी गई. जिसमे फोकस्ड ग्रुप डिस्कशन और प्रश्नावली की मदद से डायन प्रथा से पीड़ित महिलाओं की मनोवैज्ञानिक व सामाजिक समस्याओं की पहचान कर उनके बीच मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरूक किया गया. इस प्रशिक्षण में शामिल पीड़ित रह चुकी महिला ने बताया कि, “ इस दो दिवसीय ट्रेनिंग में हम यही सीख कर जा रहे हैं कि कैसे हम इस दुखी जीवन को छोड़ कर सुखी जीवन की तरफ आगे बढ़ें”.
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