LagatarDesk : एशिया और भारत के सबसे रईस इंसान गौतम अडानी की संपत्ति में बेतहाशा इजाफा हो रहा है. संपत्ति बनाने के मामले में अडानी, रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी से काफी आगे निकल गये है. इस साल अडानी की दौलत अंबानी से 10 गुना बढ़ी है. ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के अनुसार, जनवरी से अब तक अडानी की संपत्ति में 43.9 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है. जबकि अंबानी का नेटवर्थ केवल 4.40 बिलियन डॉलर बढ़ा है.
सोमवार को अंबानी की संपत्ति घटी, लेकिन अंबानी की बढ़ी
बता दें कि सोमवार को शेयर बाजार में औंधेमुंह गिरा था. इसके बावजूद अडानी ग्रुप के चेयरमैन की दौलत 2.04 बिलियन डॉलर बढ़ी है. जिसके बाद उनकी कुल संपत्ति बढ़कर 120 बिलियन डॉलर हो गयी. हालांकि सोमवार को मुकेश अंबानी की संपत्ति 552 मिलियन डॉलर घटी है. उनकी नेटवर्थ कम होकर 94.4 बिलियन डॉलर रह गयी.
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वॉरेन बफेट को जल्द पछाड़ सकते हैं अडानी
दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में अडानी पिछले कुछ दिनों से छठे पायदान पर काबिज हैं. अब वह वॉरेन बफेट से महज 5 अरब डॉलर दूर हैं. अडानी की संपत्ति अगर ऐसे ही बढ़ती रही तो अगले तीन दिन में वह वॉरेन बफेट को पछाड़कर 5वें नंबर पर पहुंच जायेंगे. ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक, इस दौरान दुनिया के सबसे बड़े रईस शख्स एलन मस्क के नेटवर्थ में 15 अरब डॉलर की कमी आयी है. इसके बावजदू वह 255 अरब डॉलर के साथ पहले नंबर पर हैं. हालांकि सोमवार को मस्क की दौलत में 4.75 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है.
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बर्नार्ड अर्नाल्ट को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
रईसों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर जेफ बेजोस हैं. जिनकी संपत्ति इस साल अब तक 15.1 अरब डॉलर घटी है. हालांकि सोमवार को उनकी दौलत में 1.05 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. इस साल सबसे ज्यादा नुकसान बर्नार्ड अर्नाल्ट को हुआ है. वह 35.4 अरब डॉलर गंवाकर 143 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है. बिल गेट्स की संपत्ति में भी इस साल अब तक 8.6 अरब डॉलर की सेंध लग चुकी है.
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1981 से अडानी की किस्मत चमकनी हुई शुरू
दरअसल 1981 से अडानी की किस्मत चमकनी शुरू हुई. उनके बड़े भाई ने उन्हें अहमदाबाद बुलाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके भाई ने सामानों को लपेटने वाली प्लास्टिक की एक कंपनी खरीदी थी मगर वो चल नहीं पा रही थी. कंपनी को कच्चे माल की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही थी. इसे एक अवसर में बदलते हुए अडानी ने कांडला पोर्ट पर प्लास्टिक ग्रैनुएल्स का आयात शुरू किया और 1988 में अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड बनी. इसने मेटल, कृषि उत्पाद और कपड़ा जैसे उत्पादों की कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू की. कुछ ही साल में ये कंपनी और अडानी इस बिजनेस में बड़ा नाम बन गये.
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