Ranchi : आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद झारखंड कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी की वरिष्ठ महिला नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने झारखंड कांग्रेस पर आदिवासी हितों की अनदेखी का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया है. बता दें कि सिसई विधानसभा क्षेत्र से विधायक गीताश्री उरांव पूर्व हेमंत सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेवारी संभाल चुकी है.
स्थानीय लोगों के मुद्दों का हल करने में कांग्रेस पूरी तरह से विफल
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम लिखे पत्र में गीताश्री उरांव ने बताया है कि वे भारी मन से पार्टी छोड़ रही हैं. गीताश्री के मुताबिक पार्टी में उनके पिता स्वं कांर्तिक उरांव के योगदान और आदिवासी समाज की लगातार उपेक्षा हो रही है और आदिवासियों की समस्याएं पार्टी फोरम में जगह नहीं पा रही है. आदिवासियों के अधिकारों की वकालत करने और बचाव करने की जो विरासत मुझे मिली थी, वह आज कांग्रेस पार्टी में नहीं रह गयी है. उन्होंने लिखा है कि उन्हें बेहद दुख और निराशा है कि झारखंड के स्थानीय लोगों के मुद्दों का हल करने में कांग्रेस पूरी तरह से विफल रही है.
5वीं अनुसूची का सही तरीके से पालन नहीं हो पा रहा है
उन्होंने लिखा है कि राज्य में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय नौकरी और झारखंड के 13 जिलों में 5वीं अनुसूची का सही तरीके से पालन नहीं हो पा रहा है. तथाकथित ‘बाहरी’ लोगों द्वारा हमारे अधिकारों का अतिक्रमण किया जा रहा है. वहीं, रोजगार और शिक्षा में मूल भाषा को प्राथमिकता देने का समान प्रावधान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर पूर्वी राज्यों और दक्षिण भारतीय राज्यों के अधिकांश राज्यों में सम्मानपूर्वक लागू किया जाता है. झारखंड कांग्रेस राज्य में भाषा विवाद और दुश्मनी को बढ़ावा दे रही है. इससे झारखंड के एक अलग राज्य के गठन के मूल कारण को कम किया जा रहा है. इतना होने के बाद भी कांग्रेस का राष्ट्रीय आलाकमान चुप है. ऐसे में अपने लोगों (आदिवासियों, सदनों और मूलवासियों) के लिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रही है.
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