Ranchi : एक फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया जाएगा. इस समय लोग बेलगाम मंहगाई, बेरोजगारी और विकास से जुड़ी समस्याओं से त्रस्त हैं. बजट पर लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है.नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग और आम जनता अपनी-अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं. सभी को बजट से कई उम्मीदें हैं. लोग अपने-अपने तरीके से बातें कर रहे हैं. सभी महंगाई से त्रस्त हैं. वहीं, युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान है. नौकरीपेशा चाहते हैं कि इस बजट में उन्हें आयकर रिटर्न में कुछ छूट मिले. सभी आशावान हैं. इसलिये सभी के लिए यह बजट खास है. दैनिक ‘शुभम संदेश’ की टीम ने इस संबंध में व्यापार जगत से जुड़े लोगों से बात की. पेश है विशेष रिपोर्ट…
हजारीबाग
‘आम बजट संतुलित और आम आदमी को राहत देनेवाला हो’
केंद्र सरकार आम बजट पेश करनेवाली है. ऐसे में लोगों को मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं. हजारीबाग के लोगों खासकर
व्यापारी वर्ग का कहना है कि आम बजट संतुलित और आम आदमी को राहत देनेवाला हो. सभी पेश होने वाले बजट को लेकर आशावान हैं.
इनकम टैक्स का न्यूनतम स्लैब बढ़ना चाहिए
कपड़ा के थोक विक्रेता जीतेंद्र जैन कहते हैं कि इस बार इनकम टैक्स का न्यूनतम स्लैब बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. केंद्र सरकार व्यापारी हित में आम बजट पेश करे. साथ ही महंगाई पर कंट्रोल हो. बजट ऐसा हो, जिससे आम आदमी प्रभावित नहीं हो. आम बजट को संतुलित बनाया जाना चाहिए. तभी आम आदमी को लाभ होगा.
बजट में व्यवसायियों के हित का ध्यान रखना चाहिए
खुदरा खाद्यान्न व्यवसायी संघ हजारीबाग के प्रवक्ता विजय लुहाड़िया ने कहा कि व्यवसायियों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए. महंगाई के कारण पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. इस पर नियंत्रण होना चाहिए. ग्राहकों की भी सुविधाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए. मेक इन इंडिया के तहत स्मॉल स्किल इंडस्ट्री का भी बुरा हाल है.
महंगाई पर कंट्रोल हो, टैक्स में भी छूट मिले
चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री हजारीबाग के अजय छावड़ा ने कहा कि महंगाई पर कंट्रोल हो और टैक्स में छूट मिले. व्यवसायियों से दोतरफा टैक्स लिया जा रहा है. आम बजट में ऐसा टैक्स निर्धारित हो, जिसे भरने में किसी को परेशानी नहीं हो. व्यवसायियों के साथ मध्यमवर्गीय परिवार को राहत पहुंचाने वाला बजट निर्धारित होना चाहिए.
महंगाई की मार से अब राहत मिलनी चाहिए
कपड़ा व्यवसायी दीपक सिंह ने कहा कि महंगाई की मार से बचना चाहते हैं. इस बार की बजट से उम्मीद है कि इनकम टैक्स में छूट मिले और व्यवसायियों के साथ-साथ आम आदमी को भी राहत मिल सके. कोरोना काल के बाद से अब तक बाजार उबर नहीं पाया है. ऐसे में सरकार को संतुलित बजट बनाना चाहिए.
आम बजट में गरीबों का खास ख्याल रहे
चाय विक्रेता उदय प्रसाद कहते हैं कि आम बजट में सरकार गरीबों का भी ख्याल रखे. महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है. इस पर नियंत्रण होना चाहिए. चाय की बढ़ी हुई कीमत लोगों को पसंद नहीं है. आखिर चाय विक्रेता के परिवार का पेट कैसे पाला जाए. इसके लिए सरकार को कुछ योजना बनानी चाहिए.
धनबाद
आम बजट सचमुच ‘आम’ लोगों के लिए हो
जट से व्यवसायियों-उद्यमियों को काफी उम्मीद है. सुविधा मिले तो व्यापार बढ़े. इसके अलावा यातायात, रेल सेवा, टैक्स में छूट, पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने की उम्मीद लोग लगाए बैठे हैं. व्यवसायियों का कहना है कि लोगों के पास पैसा आएगा, तभी न उनका व्यवसाय भी बढ़ेगा. कहने का मतलब यह कि बजट आम लोगों व मध्य वर्ग को राहत पहुंचानेवाला हो तो दूसरे वर्ग के लोग भी सहूलियत महसूस करेंगे.
सरकार को हर क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए
झारखंड इंडस्ट्री एंड ट्रेड एसोसिएशन (जीटा) के महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि सरकार को हर क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए. धनबाद रेल मंडल सबसे कमाऊ है, लेकिन हर बार बजट में निराशा हाथ लगती है. इस बार नई ट्रेन की सौगात मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उद्योग के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए सिंदरी में खाली पड़ी कई एकड़ जमीन पर विशेष योजना के तहत कॉरिडोर का निर्माण हो तो क्षेत्र का विकास हो सकता हैं.
सरकार को लाना चाहिए बिजनेस प्रोटेक्शन बिल
बैंक मोड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया ने कहा कि आज कल वैसे तो बजट का कोई मतलब नहीं रहा. पहले हर साल बजट पर ही नियम कानून में बदलाव होता था. अब सरकार आये दिन बदलाव करती रहती है. इससे व्यापारी और आम लोगों को परेशानी होती है. उनका कहना है कि सरकार को बिजनेस प्रोटेक्शन बिल लाना चाहिए.
मध्यम वर्ग के हित में हो तो बेहतर
फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव अजय नारायण लाल कहना है कि बजट ऐसा होना चाहिए कि व्यवसायी वर्ग को लाभ मिल सके. लेकिन धनबाद लाभ से हमेशा अछूता रहा है. उम्मीद करते हैं इस बार का बजट मध्यम वर्ग के हित को लेकर लिया जाएगा. इस समय मंहगाई चरम पर है. इस पर लगाम लगाने की जरुरत है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अंकुश लगे
पार्क मार्केट चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजीव चौरसिया ने कहा कि सरकार हर बार मध्यम वर्ग के लोगों को झुनझुना थमा देती है. सरकार से अपेक्षा है कि इस बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अंकुश लगाए. कारण इसका सीधा असर सामान की कीमतों पर पड़ता है. इससे सामान सामान सस्ते होंगे और महंगाई पर लगाम लगेगी.
जीएसटी न बढ़े, आम लोगों के लिए हो बजट
दुकानदार विकास कुमार ने बताया कि सरकार सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स सामान पर जीएसटी लगाती है. उम्मीद है कि इस बार जीएसटी न बढे. इससे सामान की कीमत बढ़ जाती है. इसका पूरा खामियाजा दुकानदार और आम लोगों को भुगतना पड़ता है.
सरकार से उम्मीद है कि इस बार का बजट आम और मध्य वर्ग लोगों के हित में हो.
गिरिडीह
आम बजट से लोगों को है अपेक्षा
तिसरी प्रखंड के व्यवसायी जयप्रकाश वर्णवाल का कहना है कि आम बजट से लोगों को काफी अपेक्षा है. बजट में व्यवसायियों और मध्यम वर्ग का भी ध्यान रखा जाए.
दुकानकारों का भी ख्याल रखा जाए
व्यवसायी गिरीश प्रसाद साह का कहना है कि आम बजट में छोटे दुकानदारों का ख्याल नहीं रखा जाता. इससे छोटे-मोटे व्यवसियों को परेशानी होती है. बजट का लाभ सभी स्तर के व्यवसायियों को मिले इसका ख्याल रखा जाना चाहिए.
व्यापारियों के लिए लचीली हो सरकार
मोबाइल दुकान संचालक अरुण राय ने बताया कि व्यवसाय का स्वरूप तेजी से बदल रहा है. दुकानदारों के साथ-साथ ग्राहकों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. आम बजट में सरकार को व्यवसायियों के लिए कुछ लचीलापन लाना चाहिए.
सोने-चांदी में टैक्स कम करें : अविनाश
सोना व्यवसायी अविनाश स्वर्णकार ने बताया कि सोने के जेवरातों की खरीदारी करने पर क्रेताओं को टैक्स देना पड़ता है. इससे इस व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है. केंद्र सरकार आम बजट में सोने-चांदी की खरीदारी पर टैक्स कम करे, जिससे जेवरात व्यवसाय से जुड़े दुकानदारों को राहत मिले.
रांची
सरकार से काफी उम्मीदें
एफजेसीसीआई के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने बजट पर कहा कि सरकार से इस साल काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि व्यावसाय के क्षेत्र में हमारा राज्य अभी भी काफी पीछे है, तो ऐसा लगता है कि इस साल बजट में व्यावसाय के लिए थोड़ा बेहतर हो. जिससे राज्य का नाम और काम दोनों बढ़े. उन्होंने कहा कि राज्य में नई तकनीकी के साथ आगे बढ़ना बहुत जरूरी है. सरकार से उम्मीद है कि इस बार का बजट आम लोगों के लिए लाभदायक हो.
सरकार को सोचने की जरूरत
रांची के हिनू रोड के रहने वाले, सीए विनोद बक्शी का कहना है कि 2000 में तीन राज्य अलग हुए थे. छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड. इन तीनों में झारखंड सबसे पीछे है. व्यावसाय हो या फिर कोई अन्य क्षेत्र में सरकार को ध्यान देने की बहुत जरूरत हैं. हर साल लोगों को बजट से उम्मीद होती है. ऐसे में सरकार को जनता के हित में सोचना जरूरी है. नई इंफ्रास्ट्रक्चर, नई टेक्नोलॉजी, टूरिस्ट प्लेस को लेकर अच्छा काम करना जरूरी है.
इनकम टैक्स रिटर्न में छूट मिले
रांची के अशोक नगर के रहने वाले दवा कारोबारी नवीन मल्होत्रा ने कहा कि बजट पेश होने वाला है. उसमें इनकम टैक्स रिटर्न में छूट मिले. सरकार जो मुफ्त की सुविधा दे रही है, इसपर विचार कर रोक लगा जाये. साथ ही बजट से यही उम्मीद है कि इस साल का बजट अच्छा रहेगा.आम लोगों के हित में होगा. महंगाई से लोग परेशन हैं. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इससे थोड़ी राहत मिले.
कोडरमा
आम उपयोग की वस्तुएं सस्ती हों
कोडरमा के सत्यदेव राय का कहना है कि बजट जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने चाहिए. जनता चाहती है कि आम उपयोग की वस्तुएं सस्ती हों. वही उद्योगपतियों को रेपो रेट पर राहत मिलनी चाहिए. सरकार को इस बातों पर ध्यान देना चाहिए ताकि आम जनता के ऊपर सरकार खरी उतर सके. सरकार ऐसा बजट पेश करे कि जनता को महंगाई से उभरने में राहत मिल सके.
सामान पर टैक्स छूट दे सरकार
कोडरमा के अनुज सिंह ने बताया कि वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक आइटम की डिमांड पब्लिक के बीच ज्यादा है. सरकार को चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर टैक्स पर छूट दें और सरकार दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी छूट दे . जिससे जनता को महंगाई से राहत मिल सके. सरकार को इन बातों पर ध्यान देना चाहिेए.
जनता की अपेक्षाओं का ख्याल रखें : संतोष सिंह
कोडरमा के संतोष सिंह का कहना है कि महंगाई को कम करने वाली बजट की लोगों को उम्मीद है. सरकार को चाहिए अपने बजट में जनता की अपेक्षाओं का ख्याल रखे. लोग चाहते हैं कि बढ़ रही मंहगाई पर थोड़ी राहत मिल सके.
बैंक रेपो रेट कम किए जाएं
कोडरमा के सदानंद बर्णवाल का कहना है कि उद्योग धंधे पर मिलने वाली सब्सिडी को सरकार लागू करें और बैंकों के रैपो रेट को भी कम करें जिससे लोन लेने वाले उद्योगपतियों को सहूलियत हो सके. इस समय लोग मंहगाई से राहत चाहते हैं. बजट में लोग राहत की उम्मीद रख रहे हैं.
महंगाई नियंत्रण का प्रावधान हो
कोडरमा के दामोदर यादव ने बताया कि इस समय लोग चीजों की बढ़ती कीमत से परेशान हैं. इसलिए सरकार को चाहिए कि महंगाई नियंत्रण का प्रावधान बजट में करे. आम लोगों के खाने पीने वाले सामानों पर टैक्स कम हो और दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हों.
रामगढ़
महंगाई पर लगाम लगनी ही चाहिए
रामगढ़ के ईट व्यवसाई सतीश गुप्ता कहते हैं कि महंगाई पर लगाम लगनी चाहिए. लोगों को तेल गैस जैसी चीजों में सब्सिडी मिलना चाहिए. अगर दूध के कीमत में एक रुपये की बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर गरीबों पर पड़ता है और उनका जीवन प्रभावित होता है .पहले ईट व्यवसाय में 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था. इधर अचानक दो महीने से इसे बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है . जिसे लेकर झारखंड ईट निर्माता संघ ने सरकार तक अपनी बात रखी है. हम अपने व्यवसाय के माध्यम से मजदूरों को रोजगार देते हैं . लेकिन सरकार हमारी साइट में बिजली सुविधा तक नहीं देती . कार्यरत मजदूरों को बिजली की आवश्यकता पड़ने पर वह कोसों दूर जाकर कार्य निर्वहन करते हैं.
महंगाई पर कानून की जरूरत
रामगढ़ के होटल व्यवसाय संजीव कुमार चड्डा कहते हैं कि व्यवसायियों की स्थिति को देखते हुए मूल्य शुल्क में परिवर्तन करना चाहिए . आज महंगाई पर नियंत्रण नहीं है. जिससे आम तबके के लोग काफी प्रभावित हो रहे हैं. इसमें कोई विशेष कानून बनाने की आवश्यकता है. साथ ही व्यवसायियों द्वारा भरे जाने वाले इनकम टैक्स और जीएसटी में भी राहत मिलनीचाहिए . आज जीएसटी भर कर व्यवसायियों का बुरा हाल है. जितना कमाते हैं लगभग उससे थोड़ा कम जीएसटी के रूप में सरकार को भरते हैं .व्यवसाय में बहुत कम लाभ रह गया है. बजट से हम उम्मीद करते हैं कि इस बार व्यवसायियों के हित को ध्यान रखते हुए थोड़ा कुछ राहत मिली पर आम किसानों के हित में भी बजट आए ताकि उनकी भी स्थिति सुधर सकें.
मध्यम वर्ग के लोग प्रभावित
रामगढ़ के बैटरी इन्वर्टर व्यवसाय इमरान रजा खान का कहना हैं कि महंगाई कम होनी चाहिए. वर्तमान में महंगाई आसमान छू रही है. मध्यम वर्ग के लोग काफी प्रभावित हैं . व्यवसायियों को किसी भी चीज में राहत नहीं मिल रही है. व्यवसाय जितना कमा रहे हैं उतना सरकार को भी दे रहे हैं . बैटरी मैं 28 प्रतिशत और इनवर्टर में 18 प्रतिशत जीएसटी भरते हैं. लेट होता है तो लेट फाइन ली जाती है. पिछले एक साल की लेट फाइन 110000 रुपये भरने का नोटिस मिला है. कहां से भर पाएंगे . इतना तो बैटरी और इनवर्टर बेचने पर लाभ भी नहीं होता.
जमशेदपुर
कपड़ा निर्यात पर विचार करना चाहिए
जमशेदपुर थोक वस्त्र संघ के अध्यक्ष स्वरूप गोलछा का कहना है कि सरकार को कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए निर्यात नीति में सुधार के साथ व्यापारियों को छूट देने की आवश्यकता है. वर्तमान समय में भारत में कपड़ा उद्योग में अपेक्षा अनुरूप निर्यात का प्रतिशत कम है, जबकि हमारे देश में कपड़े का उच्चस्तरीय उत्पादन हो रहा है. सरकार को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नीति निर्धारित करनी चाहिए. निर्यात से जहां देश में कपड़ा उद्योग का विस्तार होगा, वहीं रोजगार का सृजन भी होगा. निर्यात से सरकार की विदेशी मुद्रा भी बढ़ेगी. स्मार्ट सिटी की तर्ज पर कपड़े के उत्पाद वाले क्षेत्र को भी डेवलप करने की आवश्यकता है. वहीं सरकार के स्तर पर भी कपड़ा उद्योग को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में नए अनुसंधान को प्रोत्साहन देने की जरूरत है.
इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाना चाहिए
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने कहा कि सरकार को इनकम टैक्स स्लैब को 8 लाख रुपए करना चाहिए. इससे लोग बाजार में लिक्विड मनी लगाएंगे. इससे देश की अर्थव्यवस्था को थोड़ी मजबूती मिलेगी. आधारभूत संरचना का विकास से संबंधित योजनाओं को शहर से लेकर गांव तक पहुंचाने की आवश्यकता है, तभी देश में समग्र विकास हो पाएगा.
होम लोन पर छूट देने की जरूरत
बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने कहा कि सरकार को होम लोन पर छूट देना चाहिए, ताकि रियल एस्टेट को बढ़ावा मिल सके. लोग रियल एस्टेट में इन्वेस्ट कर सकें. उन्होंने इनकम टैक्स के स्लैब को बढ़ाने की बात कही. इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ने से लोगों के पास व्हाइट मनी का फ्लो बढ़ेगा, तो उनकी खरीदने की क्षमता बढ़ेगी.
जीएसटी सरलीकरण हो
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सचिव अनिल मोदी का कहना है कि जीएसटी का सरलीकरण होना चाहिए. हालांकि इस बहुप्रतीक्षित टैक्स लगने के बाद इसमें बहुत बदलाव हो चुके हैं. आय कर छूट की सीमा को बढ़ाकर सात लाख किया जाए. मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के लिए सॉफ्ट लोन की घोषणा होनी चाहिए. पेट्रोल, डीजल एवं इलेक्ट्रिसिटी को वैट के दायरे में लाना चहिये.
जीएसटी में संशोधन पर सरकार को विचार करना चाहिए
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया का कहना है कि जीएसटी को लागू हुए इतने वर्ष हो गए कि सरकार को इसके संशोधन पर विचार करना चाहिए, ताकि व्यापारियों को थोड़ी राहत मिल सके. सरकार को इनकम टैक्स स्लैब में छूट देना चाहिए, ताकि लिक्विड मनी बाजार में आ सके. इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. एफडीआई के प्रेस नोट 2 में संशोधन की अवश्यकता है. सभी व्यापारी ई कॉमर्स के माध्यम से व्यापार कर सकें, सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार को सभी व्यापारियों के लिए एक समान नियम बनाने चाहिए, ताकि लोग एक नियम के दायरे में रह कर व्यापार कर सकें.
साहिबगंज
नये टैक्स पर रोक लगाने की जरूरत
साहिबगंज ईस्टर्न झारखंड चेंबर आंफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि सरकार हर बार बजट में मध्यम वर्ग को झुनझुना थमा देती है. इस बार बजट में नए टैक्स पर रोक लगाया जाए. पेट्रोल-डीजल की कीमत पर जीएसटी लागू किया जाए, जिससे दोनों के दाम घटे. तभी जनता को लाभ होगा.
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर न बढ़े जीएसटी
वेराइटी गिफ्ट हाउस के संचालक सन्नी सौरभ ने बताया कि सरकार सबसे ज्यादा जीएसटी इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों और उपहार सामानों पर लगाती है. इन सामानों पर जीएसटी रेट न बढ़ाया जाए. जीएसटी बढ़ने से सामानों की कीमत फिर बढ़ेगी. इसका असर दुकानदारों और ग्राहकों पर पड़ता है. बजट निम्न और मध्यम वर्ग के हित में हो.
कपड़ा और खाद्य सामग्री टैक्स फ्री हो
कपड़ा व्यवसायी राजीव गुप्ता का कहना है कि कपड़ा और खाद्य सामग्री टैक्स से अलग रखा जाना चाहिए. विलासिता के सामान जैसे फ्रिज, मोटर साइकिल, कार के दाम बढ़ने से मध्यम वर्ग पर इसका प्रभाव पड़ेगा. सरकार व्यापारियों के नुकसान की भरपाई करने के लिए बिजनेस प्रोटेक्शन बिल लाए. इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढे़.
छोटे दुकानदारों का ख्याल रखा जाए
कपड़ा व्यवसायी सोनू गुप्ता का कहना है कि आम बजट में छोटे-मोटे दुकानदारों का ख्याल रखा जाना चाहिए. बजट में छोटे व्यवसायियों को अनदेखा किए जाने से व्यापार पर प्रतिकुल असर पड़ता है. टैक्स बढ़ने से मध्यम वर्ग के लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ती है. आम बजट से उम्मीदें जुड़ी हैं.
देवघर
सरकार सबका ध्यान रखते हुए विचार करे
देवघर के फुटवेयर व्यवसाई अमित कुमार केसरी का कहना है कि सरकार को सबका ध्यान रखेत हुए विचार करना चाहिए. छोटे-बड़े , मध्यम व्यापारी के लिए भी इस बजट कुछ राहत की बात हो. और हम जैसे व्यापारी पर भी ध्यान दे. वेबसाइट के लिए टैक्सेशन छूट का प्रावधान करे ताकि सभी को राहत मिल सके.
खुदरा मंहगाई का बढ़ना चिंता का विषय
देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि केसरी का कहना है कि देश में बढ़ रही खुदरा महंगाई दर लगातार बढ़ रही है जो चिंता का विषय है. वित्तीय वर्ष 2022- 2023 मैं लगातार तीन बार रेपो रेट बढ़ने से पहले ही मध्यमवर्गीय नौकरी पेशा और व्यवसायि वर्ग को पहले से ज्यादा बैंक के लोन में ईएमआई चुकाना पड़ रहा है.
उद्योगों का ध्यान रखा जाए
संथालपरगना चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आलोक मलिक ने कहा है कि उद्योग के क्षेत्र में विकास के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए.लोगों को इस बार काफी आशाएं हैं कि व्यापारियों के हित में कुछ न कुछ जरुर होगा. साथ ही केन्द्र सरकार पर्यटन पर भी ध्यान दे. इससे खासकर राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
व्यवसायियों को मिले सहूलियत, मध्य वर्ग को चाहिए राहत
चंदवा
महिलाओं को इस बजट से उम्मीद
सरोज नगर चंदवा की गृहिणी सबीता को उम्मीद है कि इस बार बजट में महिलाओं को लाभ होगा. उनका कहना है कि लोग बेवजह लहसुन, प्याज और गैस सिलिंडर की कीमतों को लेकर महंगाई का रोना रोते हैं. इस समय देश में जिस तरह के काम हो रहे हैं, बजट में यह सब देखने को मिल सकता है.
लोगों को फायदा नहीं
सासंंग पंचायत भरिला की गृहणी मांती देवी ने बजट को लेकर अपनी अनभिज्ञता जाहिर की, पर कहा कि अगर बजट लोगों को राहत देने वाला भी क्यों ने हो वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा. वह कहती है कि आम बजट से लोगों को फायदा नहीं होने वाला है.
लोगों को राहत की उम्मीद
अनिल साव कुसुम टोली चंदवा के रहने वाले युवा व्यवसायी हैं . आने वाले बजट लेकर वह आशावान हैं और कहते हैं कि बीते कोरोना काल के समय बहुत से व्यापारियों का का धंधा बंद हो गया .व्यवसाय से जुड़े मजदूर और कामगारों का रोजगार छिन गया. इस बार के बजट में सभी के पटरी पर आने की उम्मीद है.
बजट से कोई खास उम्मीद नहीं
रामलाल शिक्षा विभाग में सीआरपी के पद पर कार्यरत हैं . इस बार के बजट को लेकर वह कहते हैं कि हम सभी को बजट से कुछ फायदा होने वाला नहीं है. नौकरी नहीं करेंगे तो हम लोगों को तनख्वाह नहीं मिलेगी. बजट से कुछ ज्यादा होने वाला नहीं है.
दुमका
बजट में महंगाई पर रोक का प्रावधान हो
आम बजट को लेकर दुकमा में काफी उत्सुकता है. महंगाई से लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि बजट से महंगाई पर रोक लगने का प्रावधान होना चाहिए. दुमका चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव अंजनी शरण का कहना है कि केंद्र सरकार वैसा बजट पेश करे जिससे महंगाई पर रोक लगे.
महंगाई आसमान छू रही है
दुमका थाना रोड में अंशु ऑप्टिकल नामक दुकान संचालक भोला गुप्ता का कहना है कि महंगाई आसमान छू रही है. केंद्र सरकार इस पर रोक लगाने में असमर्थ रही है. कह सकते हैं कि बजट कुछ खास वर्गों के लिए ही पेश किया जाता है.
आम लोगों के हित का ख्याल हो
दुमका मेन रोड में बर्तन दुकानदार गौरव केसरी का कहना है कि आगामी वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव है. बजट में आम लोगों के हित का ख्याल रखा जाए. बजट में टैक्स नियम सरल करने के साथ-साथ छोटे व्यवसायियों को भी राहत दी जाए. इस समय सभी की निगाहें पेश होने वाले बजट पर है.