Ghatshila (Rajesh Chowbey) : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय धालभूमगढ़ में अनुसचित जनजाति वर्ग के बालिकाओं के कक्षा छह में नामांकन नहीं होने का डर सताने लगा है. इस कारण गुरुवार को नामांकन फार्म दाखिल करने गए अभिभावकों ने विरोध जताया. सभी ने बताया कि विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन के लिए फार्म लिया जा रहा है. इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं को यह कहा जा रहा है कि उपायुक्त का निर्देश है कि प्रत्येक सबर छात्राओं का नामांकन प्राथमिकता के तौर पर लेना है. जबकि यहां अनुसूचित जनजाति के लिए मात्र 26 छात्राओं का नामांकन होना है, जिसमें से सबर समुदाय के लिए 25 सीटें आरक्षित है. ऐसे में अन्य जाति की छात्राओं के लिए एक ही मात्र सीट बच रही है. इससे सभी में आक्रोश व्याप्त है.
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मौके पर स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष वैजनाथ सोरेन, सदस्य इंद्रजीत मुर्मू, श्यामल मार्डी, शरबत मुर्मू, अभिभावक रुपाई मुर्मू, विक्रम सोरेन, नीलमणि बेसरा, बनासी सोरेन, शांति महतो, पिंकी दत्ता आदि उपस्थित थे.
नामांकन कोटा बढ़ाने की मांग की
अभिभावकों का कहना था कि यह प्रखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है. इसमें कई समाज के लोग रहते हैं. जिला के उपायुक्त ने एक विशेष जनजाति का नामांकन करने का निर्देश दिया है जो गलत है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम अभिभावकों ने मांग पत्र प्रेषित करने की बात कही. लोगों ने अनुसूचित जनजाति के नामांकन कोटा बढ़ाने की मांग की है. स्कूल प्रबंधन के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने कहा कि आदिवासी बहुल छात्राओं का हर हाल में आवासीय विद्यालय में नामांकन होना चाहिए. उपायुक्त का आदेश समझ से परे हैं.