Ghatshila (Rajesh Chowbey) : टाटा इलेक्ट्रो होम्यो मेडिकल कालेज में बुधवार को एक समारोह आयोजित कर इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जनक डॉ. काऊंट सीजर मैटी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई. चिकित्सकों ने डॉ. सीजर मैटी के चित्र पर मल्यापर्ण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी वाई विश्वकर्मा ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी नए और पुराने रोगों की चिकित्सा में अग्रणी भूमिका की ओर पूरे भारत में अग्रसर है. इसे मान्यता देने के लिए भारत सरकार द्बारा गठित आइडीसी लगभग पांच वर्षों मे इलेक्ट्रो होम्योपैथी के शीर्ष संस्थानों के साथ कई बैठकें कर चुकी हैं. राजस्थान सरकार द्बारा करीब पांच वर्ष पूर्व ही इसे मान्यता दे चुकी हैं. कई अन्य राज्य की सरकार भी इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता देने पर विचार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि डॉ. मैटी के बताये मार्गों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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भोजन ही मनुष्य का सर्वोत्तम औषधि : डॉ. के मिश्रा
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. के मिश्रा ने डॉ. काऊंट सीजर मैटी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मैटी साहब ने अपने जीवन काल में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के औषधि के संबंध मे कहा था कि जो मनुष्य का भोजन हो सकता है वहीं उसका सर्वोत्तम औषधि होगा. समारोह मे मुख्य रूप से डॉ. टी शर्मा, डॉ. एस के पिगुआ, डॉ. डीडी लोहरा, डॉ. संजीत कुमार महतो, डॉ. कंचन चौधरी, डॉ. पायल पाण्डेय, डॉ. संजीव कुमार लवंगियि, डॉ. संतनु डे आदि उपस्थित थे.