Ghatshila (Rajesh Chowbey) : घाटशिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी बिहार के भागलपुर स्थित तिलका मांझी विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में शामिल हुए. इस दौरान उन्हें सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान भागलपुर विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में प्रदान किया गया है. प्राचार्य डॉ चौधरी ने सेमिनार के विषय “मैथिली महाकाव्यक परंपरा और विकास” विषय पर अपना मुख्य वक्तव्य देते हुए कहा कि भारतीय वांग्मय में महाकाव्य का उद्भव संस्कृत से हुआ.
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वाल्मीकि रामायण इसका प्रमाण है. इसके बाद ही अन्य भाषाओं में महाकाव्य लेखन प्रारंभ हुआ. पूर्वोत्तर भारत के भाषाओं में जो महाकाव्य लिखे जाते रहे हैं, उस तुलना में मैथिली में अबतक 59 महाकाव्य लिखे जा चुके हैं, जो सर्वाधिक है. साथ ही उन्होंने कहा कि अभी आवश्यकता है महाकाव्य लेखन हेतु प्राचीन शर्तो, परंपरागत छंदों से बाहर आकर छंद मुक्त महाकाव्य लिखने की तभी इसका विकास संभव हो सकेगा.