Ghatshila (Rajesh Chowbey) : धालभूमगढ़ प्रखंड में कोरोना काल में मनरेगा योजनाओं में लगभग करोड़ों रुपए की कार्यों को पूर्ण दिखाकर निकासी करने के मामले उजागर हाेने के बाद संबंधित पदाधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधियों में बैचेनी देखी जा रही है. आनन-फानन में सभी योजनाओं का कार्य पूर्ण कर दिया जा रहा है. कोकपाड़ा पंचायत में लगभग 50 ऐसी योजनाएं है जाे पूर्व मुखिया बुद्धेश्वर नायक के द्वारा कार्य को पूर्ण दर्शाकर राशि की निकासी की गई है. वास्तव में जिन लाभूकों के नाम योजनाओं काे पारित किया गया था, लाभूकों को उनकी जानकारी नहीं है. उनमें मुख्य रूप से शौचालय निर्माण, नांडे योजना, साफ्ट टैंक व बागवानी आदि शामिल है. वहीं दूसरी तरफ कोकपाड़ा नरसिंहगढ़ पंचायत में सिंचाई नाला योजना में कार्य हुआ ही नहीं बिना कार्य किए पूर्ण दर्शाकर लगभग तीन लाख रुपए की निकासी कर ली गई थी. जानकारी के अनुसार कोरोना काल एवं लाकडाउन के समय प्रखंड क्षेत्र के नूतनगढ़ पंचायत में सबसे ज्यादा मनरेगा योजनाओं में काम किया गया. काफी संख्या में मजदूरी दर दर्शाकर जाब कार्ड से मजदूरी की निकासी की गई. साथ ही प्रखंड क्षेत्र में निष्पक्ष रूप से जाब कार्डों की जांच की जाए तो कईयों की गर्दन फंस सकते हैं.
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संयुक्त सचिव के सवालों का किसी के पास कोई जवाब नहीं
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अरुण कुमार सोमवार को धालभूमगढ़ प्रखंड कार्यालय में बिना काम कराए 3 लाख 62 हजार रुपए अवैध निकासी कर कार्य को पूर्ण दर्शाने के मामले को लेकर संबंधित पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों से मौखिक एवं लिखित जानकारी लिया. संयुक्त सचिव अरुण कुमार ने मुखिया विलासी सिंह, पंचायत सचिव हाडीराम दास, कनीय अभियंता धनंजय पटनायक, कंप्यूटर आपरेटर गणेश कुमार, सहायक अभियंता, तत्कालीन बीपीओ राखाल चंद्र पाल आदि से निर्माण कार्य पूर्ण किए बिना पूरी राशि की कैसे निकासी हो गई, इसकी जानकारी ली. जिला के मनरेगा पीओ शीतल कुमारी, बीडीओ सविता टोपनो, मुखिया विलासी सिंह, तत्कालीन बीपीओ, जेई के साथ योजना की जांच करने संयुक्त् सचिव चारचक्का गांव पहुंचे, जहां उन्होंने योजना को पूर्ण पाया. आस-पास के ग्रामीणों एवं योजना में काम किए मजदूर शत्रुघ्न सिह एवं अन्य मजदूरों ने बताया कि उक्त योजना का कार्य दो महीना पहले हुआ है. इस योजना में दूसरे जगह के मजदूरों को लगाया गया. आनन-फानन में योजना को पूर्ण किया गया. सिंचाई नाला की लंबाई, चौड़ाई की नापी की गई. वर्ष 2017-18 में पक्की सिंचाई नाला निर्माण 4 लाख 30 हजार रुपए खर्च कर किया जाना था. सिंचाई नाला का निर्माण नहीं हुआ और 2020 में मिलजुल जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से राशि की निकासी कर ली गई. यह योजना मुड़ाकाटी सीमा से चारचक्का अशोक महतो के जमीन तक बनाना था. इस योजना में राशि के निकासी के बाद भी योजना कार्य नहीं हुआ एवं उन्हें पूर्ण दर्शाया गया. इसकी प्रशासनिक जांच भी हुई. 2020-21 में इस योजना को पूर्ण दिखाया गया अब जांच में सारी चीजें सामने आ रही है. इस मामले को लेकर मुखिया विलासी सिंह और पंचायत सचिव हाडीराम दास के विरूद्ध बीडीओ सविता टोपनों के लिखित बयान पर सरकारी राशि के दुरुपयोग करने के मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है.
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सिंचाई नाला निर्माण में सामने आई बड़ी सच्चाई
मुड़ाकाटी सीमा से चारचक्का अशोक महतो की जमीन तक बनाई जाने वाली सिंचाई नाला निर्माण में नूतनगढ़ पंचायत के नूतनगढ़ गांव में छह साल पहले बनी सिंचाई नाला के फोटो को लगाकर जियो टैग में फोटो दर्शाकर कार्य को पूर्ण दिखाकर उक्त सिंचाई नाला की राशि की निकासी कर ली गई. इसकी सूचना मिलने के बाद संयुक्त सचिव नूतनगढ़ गांव पहुंचे और इसकी जानकारी ली. निरीक्षण के क्रम में कई ग्रामीणों ने बताया कि यह नाला छह-सात साल पहले बना हुआ है. सारे मामले की जानकारी एवं जांच के बाद संयुक्त् सचिव अरुण कुमार ने कहा कि दूसरे स्थान की योजना को जियो टैग में दर्शाकर राशि की निकासी की गई है. इसमें सभी संबंधित पदाधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधियों से लिखित रूप से लिया गया है. इसकी जांच रिपोर्ट संबंधित पदाधिकारी को भेजी जाएगी.