Giridih : असंगठित श्रमिकों के निबंधन में गिरिडीह जिला पूरे राज्य में टॉप पर है. जिले में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 84 हजार थी. ई श्रम कार्ड योजना शुरू होने के बाद असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने पंजीकरण कराना शुरू किया. जुलाई 2022 तक असंगठित क्षेत्र के 7. 30 लाख मजदूरों ने पंजीकरण कराया. इसमें 20% महिलाओं की भी भागीदारी है. पंजीकरण कराने वालों में कई शिक्षित बेरोजगार भी शामिल हैं. अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है. पंजीकरण के लिए पात्र अपात्र की सीमा नहीं है. आयु 18 से 59 वर्ष के बीच होना चाहिए. मासिक आय 15 हजार रुपये से कम होना चाहिए.
असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए है यह योजना
यह योजना असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए केंद्र सरकार चला रही है. रजिस्ट्रेशन कराने वाले कामगारों को श्रमिक कार्ड दिया जाता है. कार्ड धारकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. इस समय देश में 12 सरकारी योजनाएं संचालित है जिसका लाभ श्रमिक कार्ड से उठाया जा सकता है. इस वजह से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई श्रम कार्ड बनवाना जरूरी है.
ई श्रम कार्ड बनवाना क्यों है जरूरी
ई श्रम कार्ड यह प्रमाणित करता है कि कार्ड धारी योजनाओं का लाभ लेने के पात्र हैं. सरकार भी श्रम कार्ड बनवाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है. छोटा-मोटा काम करने वाले कोई भी व्यक्ति इस कार्ड को बनवा सकते हैं. इसमें ट्यूशन पढ़ाने वालों से लेकर घर का नौकर-नौकरानी, घरों में रसाईया का काम करने वाले, सफाई कर्मचारी, ब्यूटी पार्लर वर्कर, मोची, टाइल्स लगाने वाला, खेतिहर मजदूर, खदान मजदूर, रिक्शा चालक, ठेला पर सामान बेचने वाले, चार्ट भेलपूरी विक्रेता, ऑटो चालक, ड्राइवर समेत अन्य शामिल हैं.
श्रम कार्ड के कई लाभ
श्रम अधीक्षक रविशंकर ने बताया कि श्रम कार्ड धारक को दो लाख रुपये तक की दुर्घटना बीमा की सुविधा दी जाती है. इसके लिए कामगार को अलग से कोई राशि नहीं जमा करनी पड़ती. दुर्घटना में विकलांग होने पर भी दो लाख की धनराशि दी जाती है. आंशिक विकलांग होने पर 1 लाख की राशि दी जाती है. गर्भवती महिलाओं को बच्चे के भरण-पोषण के लिए राशि दी जाती है. इसका निबंधन प्रज्ञा केंद्र में की जाती है.
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