Giridih : पड़ोसी जिले में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद गिरिडीह जिले में भी चिंता बढ़ गई है. इधर यह अफवाह भी फैल गया कि बगोदर प्रखंड के एक गांव में पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू फैल गया है. पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम तत्काल उस गांव में जाकर बर्ड फ्लू की जांच की तो पुष्टि नहीं हुई. जिला स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि बर्ड फ्लू का भले ही अफवाह फैलाया गया हो, फिर भी इससे बचे रहना जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए अलर्ट है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बीमारी घातक है. बर्ड फ्लू जानवरों और पक्षियों से होकर इंसानों में तेजी से फैलता है. जानवरों में सूअर और पक्षियों में मोर, बत्तख और मुर्गा-मुर्गी को यह बीमारी चपेट में लेता है.
श्वसन तंत्र को करता है क्षतिग्रस्त
बर्ड फ्लू का वायरस एवियन इनफ्लुएंजा इंसानों के श्वसन तंत्र को क्षतिग्रस्त कर देता है. फ्लू के खतरे को देखते हुए जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. नीरज कुमार वर्मा ने पोल्ट्री फार्म संचालकों को सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके लिए उन्होंने 24 फरवरी को एडवाइजरी जारी कर सूअर, बिल्ली, कबूतर, मुर्गा-मुर्गी, बत्तख और अन्य पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोगों को सावधानी बरतने को कहा है. जिले में किसी भी पक्षी की सामूहिक मौत पर इसकी तत्काल सूचना जिला पशुपालन विभाग को देने का निर्देश दिया गया है. बर्ड फ्लू ग्रस्त पक्षियों के डिस्पोजल की व्यवस्था विभाग करेगा.
कैसे जाने बर्ड फ्लू का लक्षण
बर्ड फ्लू का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में श्वास के जरिए फैलता है. इंसान के शरीर में प्रवेश करते ही वायरस श्वसन संबंधी परेशानी उत्पन्न करता है. कुछ सावधानी बरतकर इसके संक्रमण से बचा जा सकता है. इस बीमारी का लक्षण धीरे-धीरे बुखार आना, नाक से खून निकलना, नाक बहना, सिर में दर्द, बदन दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, गले में सूजन और खराश, उल्टी व दस्त होना, सांस लेने में परेशानी, आंख आना समेत शरीर में अन्य तरह की परेशानी है. तबीयत खराब रहने पर घर पर रहें. बाहर निकलने पर संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.
पक्षियों से दूरी बनाकर रखें
बर्ड फ्लू वायरस का सबसे बड़ा वाहक पक्षी है. एक पक्षी संक्रमित होने के बाद दूसरा होता चला जाता है. संक्रमित पक्षी के मल और पंख से दूसरे पक्षी में इसका प्रसार होता है. इस तरह धीरे-धीरे पक्षियों के झुंड में यह फैल जाता है. इंसान को जैसे ही पता चले कि पक्षियों में संक्रमण फैल चुका है, तत्काल पक्षियों को छूना बंद कर दें. चिकन खाना बंद कर दें. हाथ में दास्ताना पहनें. मुंह और नाक को ढककर रखें. लक्षण महससू होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें. खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें. अपने परिवेश को साफ सुथड़ा रखें.
चिकन को अच्छी तरह पकाएं
बर्ड फ्लू आहार से फैलने वाली बीमारी नहीं है, फिर भी संक्रमित मुर्गा का मांस खाने से फ्लू हो सकता है. फ्लू फैलने पर भी जो इंसान चिकन खाएं वे मांस को अच्छी तरह पकाएं.
पोल्ट्री फार्म संचालक व व्यवसायियों के लिए एडवाइजरी जारी
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. नीरज कुमार वर्मा ने बताया की पोल्ट्री फार्म संचालक और मुर्गा व्यवसाय से जुड़े लोगों को एडवाइजरी जारी कर सचेत कर दिया गया है. एडवाइजरी में कहा गया है कि मुर्गा-मुर्गी के सीधे संपर्क में आने से बचें. दास्ताना और मास्क का इस्तेमाल करें. पक्षियों को न छुएं. पक्षियों के छुने पर तुरंत साबुन से हाथ धोएं.
स्थिति पर है निगाह
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि पूरी घटनाक्रम पर निगाह रखी जा रही है. हर प्रखंड से रोजाना रिपोर्ट मंगाई जा रही है. जिला मुख्यालय को भी रिपोर्ट से अवगत कराया जा रहा है. बगोदर प्रखंड के जिस गांव में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया था, उसकी जांच करने तीन सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने की. जांच करने पर यह अफवाह निकला. दरअसल उस गांव में चार पोल्ट्री फार्म है, जिसमें तीन खाली है. जिस फॉर्म में मुर्गा मरने की बात बताई गई वह पूरी तरह खाली है. उसमें एक भी मुर्गा नहीं है. सिर्फ एक फॉर्म में मुर्गा है, जिसका सेंपल लेकर रांची भेजा गया है. फिलहाल डरने की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है.
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