Suresh Singh
Giridih: गिरिडीह (Giridih) सीसीएल क्षेत्र का बनियाडीह स्थित कोक प्लांट कभी रोजगार का सबसे बड़ा केंद्र था. लगभग पांच सौ से ज्यादा मजदूर यहां रोजी-रोटी कमाते थे. परंतु लेकिन आज यह कोक प्लांट खुद बदनसीबी का शिकार हो गया है. कभी गुलजार रहनेवाला और रोजगार की सौगात बांटने वाला प्लांट रखरखाव के अभाव में खंडहर बनता जा रहा है. उसकी यह दशा देख कर लोगों ने अब इसके चालू होने की आस भी छोड़ दी है.
प्लांट चालू करने का वादा पूरा नहीं कर सका प्रबंधन
वर्ष 1999 में सीसीएल प्रबंधन ने कोक प्लांट को बंद कर दिया. प्लांट बंद होते ही मजदूरों में मायूसी छा गई. प्रबंधन ने बंद करने की वजह बता कर पल्ला झाड़ लिया और देखते ही देखते सैकड़ों लोग रोज-रोटी गंवा बैठे. गिरिडीह-डुमरी मुख्य मार्ग पर बराकर नदी का पुल टूट गया था. बेरमो से धनबाद सहित अन्य रास्ते से कोयला लाने में सीसीएल प्रबंधन का खर्च बढ़ गया. हालांकि प्रबंधन ने कहा था कि पुल बनते ही प्लांट चालू कर दिया जाएगा. मगर ऐसा हुआ नहीं. विगत 23 वर्ष से मजदूर वहां दुबारा काम करने की आशा में अब बूढ़े हो गए हैं, कई दुनिया छोड़ कर भी जा चुके होंगे. मगर प्लांट चालू होने की बजाय नष्ट होने के कगार पर पहुंच गया.
चोरी में अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप
प्लांट का करोड़ों का लोहा और वहां लगी मशीन पर चोरों की नजर लग गई. कई सामान उठा कर ले भी गए. झारखंड इंटक के वरीय उपाध्यक्ष एन पी सिंह बुल्लू ने कहा कि कोक प्लांट की बदहाली के लिए सीसीएल के अधिकारी ही जिम्मेदार हैं. अधिकारियों की मिली भगत से ही प्लांट के सामान की चोरी हुई है. उच्च स्तरीय जांच हो तो कई अधिकारी सलाखों के पीछे होंगे. कहा कि सीसीएल के वरीय अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस अनुपात में सामान की चोरी हुई है, उतनी प्राथमिकी भी नही कराई गई. सीसीएल अधिकारियों की मंशा इसी से साफ हो जाती है .
सुरक्षा गार्ड भी सवालों के घेरे में
सीसीएल प्रबंधन की ओर से सुरक्षा में तैनात सीसीएल के गार्ड भी सवालों के घेरे में हैं. जानकारी के अनुसार एक शिफ्ट में दो गार्ड की तैनाती की गई है. फिर भी लोहे की चोरी बदस्तूर जारी है. प्लांट का लोहा चोर आसानी से ले जा रहे हैं. इस संबंध में कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हो रही है.
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