Giridih : सहिया स्वास्थ्य विभाग में अपनी अहमियत साबित कर चुकी है. सहियाओं के कामकाज की तारीफ कोरोना काल में भी हुई थी. इसके विपरीत चैताडीह मातृत्व स्वास्थ्य केंद्र कुछ सहियाओं के कारण बदनाम है. सहियाओं पर आरोप है कि यहां प्रसव कराने आई गर्भवती महिलाओं को सहिया निकट के नर्सिंग होम भेज देती है. मरीज देने के बदले सहियाओं को नर्सिंग होम से कमीशन दिया जाता है. हालांकि इस धंधे में सभी सहिया शामिल नहीं है. कुछ ही सहिया इस धंधे के अंजाम देती है. कहा जाता है कि सहियाओं के भी दो गुट हैं. दोनों ही गुट इस धंधे में लिप्त है.
सहियाओं की इस धंधे पर वर्ष भर चर्चा होती रही. सहिया के दो गुटों और समर्थक नर्सिंग होम संचालकों के बीच तीखी नोक-झोंक के बाद मारपीट की नौबत तक आ चुकी है. स्वास्थ्य केंद्र परिसर में घातक हथियार तक लहराए जा चुके हैं. सहियाओं की करतूत की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकों टीम गठित की गई. टीम की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सहियाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
कमीशन का है सारा खेल
स्वास्थ्य केंद्र के एक किलोमीटर की परिधि में कई नर्सिंग होम संचालित हैं. इन नर्सिंग होम से सहियाओं को मरीज देने के बदले कमीशन दिया जाता है. कमीशन की राशि तीन से चार हजार रुपये हैं. गिरिडीह जिले में कुल सहियाओं की संख्या 2498 हैं. स्वास्थ्य केंद्र परिसर में कमीशन एजेंट टहलते रहते हैं, जो सहिया और नर्सिंग होम के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाते हैं. गांव से स्वास्थ्य केंद्र प्रसव कराने आई गर्भवती महिलाएं व इनके अभिभावक इन एजेंटों के शिकार हो जाते हैं. महिलाओं और अभिभावकों को कहा जाता है कि चैताडीह स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराना जच्चा-बच्चा के लिए खतरा साबित हो सकता है. महिलाएं व अभिभावक एजेंट के झांसे में आकर स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव नहीं कराकर नर्सिंग होम चले जाते हैं. एजेंट को इसके बदले नर्सिंग होम से कमीशन मिलता है. एजेंट सहिया को कमीशन की राशि पहुंचाता है.
सहियाओं की मानदेय राशि सिर्फ दो हजार रुपये
सहियाओं को सिर्फ दो हजार रुपये मानदेय राशि मिलती है. सहियाओं के जिला समन्वयक रणधीर प्रसाद ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच करने और प्रसव के बाद प्रति मरीज 6 सौ रुपये सहियाओं को भुगतान किया जाता है. इसके अलावा काम के अनुपात में लाभ देने का प्रावधान है. 50 तरह की योजनाएं संचालित है, जिसमें सहियाओं को प्रति काम के लिए सौ से डेढ़ सौ रुपये की राशि दी जाती है.
निगरानी के लिए लगे हैं दर्जनभर सीसीटीवी कैमरे
सहियाओं की निगरानी के लिए इस वर्ष चैताडीह स्वास्थ्य केंद्र में दर्जनभर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. सहियाओं का चयन ग्राम सभा करती है, इसलिए बर्खास्त करने का अधिकार भी ग्राम सभा को ही है. बर्खास्तगी का डर नहीं होने के कारण कुछ सहिया मनमानी करती है. सुनीता प्रवीण नामक सहिया विभाग को पत्र लिखकर सहियाओं की करतूत पर रोक लगाने की मांग कर चुकी है.
सहियाओं पर रखी जा रही निगाह
सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा ने बताया कि सहियाओं पर निगाह रखी जा रही है. केंद्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. समय-समय पर सदर अस्पताल प्रबंधक वहां मॉनिटरिंग के लिए भेजे जाते हैं. शिकायत मिलने पर दोषी सहिया के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
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