Dhanwar (Giridih) : झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति की ओर से 26 फरवरी को खतियान महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन धनवार के पुनीत राय स्टेडियम में किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आंदोलनकारी जयराम महतो ने कहा कि झारखंड की संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना पड़ेगा. हक व अधिकार की लड़ाई के लिए तैयार रहना पड़ेगा. झारखंड की माटी, भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए आगे नहीं आने पर आने वाली पीढ़ी का अस्तित्व खत्म हो जाएगी. झारखंड खनिज संपदा से भरा राज्य है, बावजूद इसके राज्य के युवकों को रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करता करना पड़ता है. अन्य प्रदेशों के लोग झारखंड के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को हर हाल में 1932 का खतियान लागू करना होगा. झारखंड में नौकरी पर पहला हक झारखंडी का है. झारखंड में पंचायत स्तर तक खतियान संघर्ष समिति का गठन कर संघर्ष तेज किया जाएगा. मौके पर राजदेव रतन, विपिन कुमार, मनोज यादव, रोहित राज, उत्तम कुमार सिंह बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे.
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