Giridih : रविवार को गिरिडीह सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कुसुंबा में देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 127वीं पुण्यतिथि मनाई गई. अंबेडकर सामाजिक संस्था गिरिडीह एवं मजदूर मंच गिरिडीह के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सबसे पहले उपस्थित लोगों ने सावित्री बाई फुले की तस्वीर पर माल्यार्पण किया. वार्ड सदस्य और मुखिया प्रतिनिधि किशोर मुर्मू ने उद्घाटन भाषण में कहा कि आज महिलाएं हर दिशा में प्रगति कर रही है, उसकी आधारशिला सावित्री बाई फुले, शेख फातिमा और ज्योतिबा फुले ने ही रखी थी. जब महिलाओं को न घर से निकलने दिया जाता था, न पढ़ने दिया जाता था, उस विकट परिस्थितियों में भी शिक्षा और समाज सेवा का अलख जगाया था. अंबेडकर सामाजिक संस्थान गिरिडीह के सचिव रामदेव विश्वबंधु ने कहा कि आज से सौ साल पहले सामाजिक आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी. हिंदू वर्ण व्यवस्था में शुद्रों एवं महिलाओं की स्थिति अत्यंत खराब थी. महात्मा ज्योतिबा फुले, शेख फातिमा और सावित्री बाई फुले ने लड़कियों को शिक्षित करने के लिए कई स्कूल खोले. अंधविश्वास और अवैज्ञानिक कर्मकांड के विरुद्ध जन जागरण अभियान चलाया. सत्य शोधक समाज का निर्माण किया. महाराष्ट्र में प्लेग फैला तो दिन रात, लोगों की सेवा की. अंत में सावित्री बाई फुले को भी प्लेग हो गया. दस मार्च को उन्होंने अंतिम सांस ली. वज़ीर दास ने कहा कि सावित्री बाई फुले, करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं. इस अवसर पर शांति मुर्मू, अनिता मरांडी, सीमा कुमारी, कंचन देवी, सुरुज मुनि मरांडी, लालिया देवी, सावित्री देवी, मनीष कुमार, पिंकी कुमारी वर्मा आदि दर्जनों लोग शामिल थे.
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