Giridih : गिरिडीह (Giridih)– स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से सहिया मामले की जांच के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं. 22 अगस्त 2021 को बगोदर प्रखंड की बेको पंचायत निवासी एक गर्भवती महिला दीपशिखा प्रसव कराने चैताड़ी मातृत्व शिशु कल्याण केंद्र आई थी. केंद्र की बदहाली का हवाला देकर मुख्यालय की सहिया बबीता सिन्हा उस महिला को स्थानीय नर्सिंग होम ले जा रही थी. ऐन मौके पर स्वास्थ्य कर्मी ने पकड़ लिया. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई. 11 माह बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है.
विगत साल 31 अगस्त तक सौंपनी थी रिपोर्ट
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह चैताड़ी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. उपेंद्र दास ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर 31 अगस्त 2021 को रिपोर्ट सौंपने को कहा था. टीम में सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एपीएन देव, डॉ. सत्यवती, सहिया कोऑर्डिनेटर रणधीर प्रसाद, अस्पताल प्रबंधक प्रवीण मुर्मू शामिल हैं. समय सीमा समाप्त होने के 11 माह बाद भी जांच मंथर गति से चल रही है.
गर्भवती महिला को नर्सिंग होम ले जाना विभाग पर प्रश्नचिह्न
सहिया की कार्यशैली के कारण कई गरीब महिलाएं सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह रही हैं. संबंधित पंचायत की सहिया का काम गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाकर योजना से लाभान्वित करना है. मोटे कमीशन की लालच में गर्भवती महिलाओं को नर्सिंग होम ले जाना स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है? ऐसे तत्वों पर लगाम लगाना जरूरी है.
देखिए कब तक होती है जांच
चार सदस्यीय जांच कमेटी के सदस्य डॉ. एपीएन देव ने कहा कि प्रसव कराने आई महिला के परिवार ने आवेदन दिया है. आवेदन अधूरा है. आवेदन में प्रसव कराने आई महिला के नाम का जिक्र नहीं है. नाम का उल्लेख नहीं होने से जांच आगे नहीं बढ़ रही है.
जांच के नाम पर बहानेबाजी
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. उपेंद्र दास ने कहा कि टीम में शामिल सदस्यों को आवेदन व्हाट्सएप पर भेजा गया है. टीम के सदस्य जांच के नाम पर बहानेबाजी कर रहे हैं. आरोपी सहिया को टीम के समक्ष पेश होना होगा. उनका पक्ष सुनने के बाद विभाग अंतिम निर्णय लेगा. सहिया को नोटिस जारी किया गया है, लेकिन वह टीम के समक्ष पेश होने से कतरा रही है.
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