मुखियों ने आयोग पर लगाया कमीशनखोरी का आरोप
Giridih. : राज्य खाद्य आयोग की जनसंवाद के दौरान गिरिडीह में जमकर बवाल मचा. कार्यक्रम के प्रारंभ में ही आयोग के अध्यक्ष ने फरमान जारी कर दिया था कि जनसंवाद में सुझाव सुने जाएंगे, शिकायतें नहीं. उनकी यह बात मुखियों को नहीं पची और माहौल तनावग्रस्त हो गया. इस बीच आयोग ने कुछ मुखियों का सुझाव सुना और आनन-फानन में कार्यक्रम के समापन की घोषणा कर दी. इससे सभास्थल पर बवाल मच गया. मौके पर मौजूद मुखिया आयोग पर कमीशनखोरी का आरोप लगा कर चीखने-चिल्लाने लगे. इधर, कार्यक्रम स्थल पर हंगामा होता देख आयोग के अध्यक्ष वहां से खिसक लिए. हांलाकि बाद में उन्होंने किसी भी महिला मुखिया को बोलने का मौका नहीं देने पर खेद प्रकट किया.
महिला मुखिया संघ की अध्यक्ष सरिता साहू ने खोला मोरचा
मालूम हो कि नगर भवन में 23 सितंबर को राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष के साथ मुखिया जनसंवाद कार्यक्रम तय था. इसमें जिलेभर के मुखियों, सभी राशन डीलरों व संबंधित अधिकारियों को बुलाया गया था. प्राय: सभी मुखिया क्षेत्र की खाद्यान्न संबंधी योजनाओं की गड़बड़ी का पुलिंदा लेकर पहुंचे थे. आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी, सदस्य शबनम परवीन सहित अधिकारियों के संबोधन के बाद मुखिया से जनसंवाद की बारी आई. लेकिन जब मुखिया बोलने लगे तो आयोग के अध्यक्ष ने शिकायत सुनने से ही मना कर दिया. कार्यक्रम में पहुंचे सैकड़ों मुखिया के बीच आधा दर्जन लोगों की सुझाव सुनी गई, पर इनमें एक भी महिला नहीं थी. बगैर किसी महिला मुखिया की सुने आयोग के अध्यक्ष ने कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा कर दी. मंच पर ही बैठी महिला मुखिया संघ की अध्यक्ष सरिता साहू से यह सब देखा नहीं गया और वह मंच से ही अध्यक्ष के खिलाफ चीखने लगीं. महिला मुखिया को चिल्लाते देख आयोग अध्यक्ष श्री चौधरी ने नगर भवन से खिसकने में ही अपनी भलाई समझी. मीडियाकर्मी उन्हें रोकते रहे पर वे गाड़ी में बैठ कर सर्किट हाउस निकल लिए.
अपना कमीशन फिक्स कराने आया है आयोग : मुखिया
इधर, मुखिया सरिता के साथ कई महिला मुखिया संगठित होकर आयोग के खिलाफ नारेबाजी करने लगी. इस नारेबाजी में कई पुरुष मुखिया भी शामिल हो गए. सरिता ने कहा कि अध्यक्ष की मंशा ही साफ नहीं थी. लोग शिकायत करने आए थे, पर अध्यक्ष सुझाव पर अड़े हुए थे. एक मुखिया ने तो यहां तक कह दिया कि आयोग जनसंवाद के नाम पर ड्रामा कर रहा है. ये अपना कमीशन फिक्स करने आया है. यह आयोग जनता को बेवकूफ बनने निकला है.
आयोग के अध्यक्ष ने प्रकट किया खेद
इधर सर्किट हाउस में श्री चौधरी ने कहा कि जब तक लिखित शिकायत नहीं मिलेगी, ऐसे सुनने से क्या लाभ? कहा कि आयोग के समक्ष लिखित में जो भी शिकायत आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुखिया को ठेस पहुंचाना मेरी मंशा नहीं थी लेकिन जो भी हुआ उसका मुझे खेद है.
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