2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा-आजसू प्रत्याशी को मिला था झामुमो प्रत्याशी से अधिक वोट
Giridih : हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में बेबी देवी के शामिल होने के बाद डुमरी उपचुनाव में यूपीए उम्मीदवार को लेकर कोई संशय नहीं है. लेकिन दूसरी ओर एनडीए उम्मीदवार पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हालांकि अभी चुनाव तिथि घोषित नहीं हुई है लेकिन चुनाव पूर्व कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के डुमरी दौरा और गिरिडीह के मधुबन में कार्यकर्ताओं के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद स्पष्ट है कि आजसू डुमरी उपचुनाव को लेकर गंभीर है. चुनाव की तारीख का ऐलान भले ना हुआ पर सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने तरीके से तैयारी में जुट गया है. यदि एनडीए एकजुट हुए तो मुकाबला दिलचस्प होगा.
डुमरी के हैं दिलचस्प आंकड़े
डुमरी का अब तक का रिकॉर्ड झामुमो के पक्ष में है. अब तक हुए 10 चुनाव में 7 बार परिणाम झामुमो के पक्ष में रहा है. विगत विधानसभा चुनाव में जगन्नाथ महतो को 72, 128 हज़ार वोट मिले थे. वहीं आजसू की यशोदा देवी को 36,840 तथा भाजपा के प्रदीप साहू को 36,013 वोट मिले थे. वहीं आजसू और भाजपा को कुल 72, 853 वोट मिले थे. एकजुट एनडीए के आंकड़ें इसके पक्ष में है. प्रदीप और यशोदा को कुल पड़े वोट का 38.29 जबकि जगन्नाथ महतो को 37.38 प्रतिशत मिला था.
बाबूलाल मरांडी की पहली परीक्षा
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की यह पहली परीक्षा होगी. महतो, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के गढ़ में बाबूलाल की भूमिका पर एनडीए का परफॉर्मेंस निर्भर करेगा. बाबूलाल के गृह जिले में आलाकमान बड़ी उलटफेर की उम्मीद लगाए बैठी है. रामगढ़ को छोड़ एनडीए को दुमका, मधुपुर, बेरमो और मांडर उपचुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा था. ऐसी स्थिति में बाबूलाल के लिए डुमरी उपचुनाव बड़ी चुनौती होगी.
दो महिलाओं के बीच हो सकता है मुकाबला
आजसू के खाते में डुमरी उपचुनाव की सीट गई तो संभवत: यहां दो महिलाओं के बीच कड़ी टक्कर होगी. डुमरी की प्रमुख रही यशोदा देवी एनडीए की उम्मीदवार हो सकती हैं. दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी यशोदा क्षेत्र में दबंग महिला की पहचान रखती है. दोनों महिलाओं के साथ सहानुभूति वोट होगी. दोनों महिलाएं आमने-सामने रही तो मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है.
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