Giridih : आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ. विद्या भूषण के नेतृत्व में 11 अगस्त को आईएमए व झासा प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार सोनू से मुलाकात कर सीएम हेमंत सोरेन के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसायटी से जारी फरमान में हस्तक्षेप की मांग की गई है. फरमान में डॉक्टरों को क्लीनिक चलाने का आदेश दिया गया है, लेकिन मरीजों के भर्ती का अधिकार नहीं है. ज्ञापन में इसका भी जिक्र है कि मरीजों को एनपीए (non practicing allowance) नहीं दी जाती. बगैर एनपीए दिए सरकार डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने से कैसे रोक लगा सकती है?
ज्ञापन में कहा गया है कि मरीजों को इलाज के मौलिक अधिकार प्राप्त है. डॉक्टर किसी भी मरीजों को गंभीर अवस्था में इलाज करने से मना नहीं कर सकते. सरकार ने फरमान जारी कर मरीजों के मौलिक अधिकार का हनन किया है. राज्य में वैसे ही डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि डॉक्टरों को चिकित्सा सेवा से जोड़कर रखें. सरकार ने फऱमान जारी कर डॉक्टरों को कठोर निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया है.
विधायक ने प्रतिनिधिमंडल को न्याय का भरोसा दिया. विधायक ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से तत्काल बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने को कहा.
प्रतिनिधिमंडल में आईएमए अध्यक्ष समेत सचिव डॉ. बीएमपी राय, झासा के सदस्य डॉ. दीपक कुमार, डॉ. रमेश चंद्र और डॉ. वीरेंद्र कुमार शामिल थे.
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