शिक्षकों के पठन-पाठन पर रोक, डीएसई ने सभी बीईईओ को जारी किया पत्र
Abhay Verma
Giridih : गिरिडीह जिले के सरकारी स्कूलों में फर्जी प्रमाणपत्र दिखाकर नौकरी पाने वाले 225 सहायक शिक्षकों पर बर्खास्तगी की गाज जल्द गिरने वाली है. शिक्षा विभाग ने इसकी कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी है. इनमें सबसे अधिक 80 सहायक शिक्षक गावां प्रखंड के हैं. इनकी बर्खास्तगी की कार्यवाही की जा रही है. इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की बर्खास्तगी की भनक से जिले के शिक्षा महकमा में खलबली मची हुई है. विभागीय सूत्र की मानें, तो अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है. इससे करीब एक दशक 100 पारा शिक्षक बर्खास्त किए गए थे.
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार ने सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को पत्र लिखकर उक्त सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्ति के लिए आगे की कार्यवाही कर इसकी सूचना संबंधित कार्यालय को देने का निर्देश दिया है.
प्रयागराज, लखनऊ, मथुरा से जारी हुआ है प्रमाणपत्र
फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी लेने का खुलासा सरकार द्वारा सहायक शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच में हुआ. रांची स्थित मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक इस मामले में रेस हुए. डीएसई ने बताया कि जिले में कार्यरत इन सहायक शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाणपत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रागाराज, प्रयाग महिला विद्यापीठ प्रयागराज, भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ, वृंदावन विश्वविद्यालय मथुरा आदि से निर्गत हुआ है. उक्त संस्थानों की मान्यता पर संशय के बाद सहायक शिक्षकों का मानदेय भुगतान अप्रैल 2023 से रोक दिया गया है. अब इन सभी पर बर्खास्तगी की कार्यवाही की जा रही है.
उत्तर प्रदेश के शिक्षा सचिव को लिखा गया था पत्र
डीएसई ने बताया कि शिक्षकों का शिक्षण प्रमाणपत्र जारी करने वाले संस्थानों की मान्यता की जानकारी के लिए विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के शिक्षा सचिव को पत्र लिखा गया था. इसके जवाब में उत्तर प्रदेश के शिक्षा सचिव ने अपने पत्रांक 9 /328 दिनांक 10.7. 2023 के माध्यम से जानकारी दी है कि उक्त सभी शिक्षण संस्थानों का नाम परिषद विनियमों में उल्लिखित समकक्षता सूची में नहीं है. यानी इन्हें सरकार से मान्यता नहीं मिली है.
एक दशक पहले भी हुई थी बड़ी कार्रवाई
जिला शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, करीब एक दशक पहले भी शिक्षकों की बर्खास्तगी की बड़ी कार्रवाई हुई थी, तब जिले के 100 पारा शिक्षक बर्खास्त किए गए थे. इनमें सर्वाधिक संख्या बिरनी प्रखंड की थी. ज्ञात हो कि करीब 12 साल पहले गिरिडीह में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाला बड़ा गिरोह सक्रिय था. सरगना की मौत के बाद जिले में इस गोरखधंधे पर रोक लग पाई थी.
सभी बीईईओ की रिपोर्ट मिलने के बाद जारी होगा बर्खास्तगी का पत्र : डीएसई
![](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/dse-gir-new.jpg?resize=272%2C181&ssl=1)
जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि यूपी के उक्त सभी शिक्षण संस्थानों को वहां की सरकार से मान्यता ही नहीं मिली है. फर्जी प्रमाणपत्र धारी 225 सहायक शिक्षकों के विद्यालयों में पठन-पाठन पर कहा कि 1 अगस्त से रोक लगा दी गई है. उनकी बर्खास्तगी की कार्यवाही की जा रही है. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीईईओ) की रिपोर्ट मिलने के बाद सभी आरोपी सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी का पत्र जारी किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : देवघर सदर अस्पताल के पास सरकारी बिल्डिंग में आग, हजारों का ब्लिचिंग पाउडर खाक