सड़क नहीं रहने से नहीं पहुंचती विकास की गाड़ी
Ganwa (Giridih) : झारखंड गठन के दो दशक बाद भी गावां प्रखंड के पसनोर पंचायत का गरहीसांख की सूरत नहीं बदली है. आजादी के 75 वर्षों के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से यहां के लोग वंचित है. लोगों का आक्रोश जनप्रतिनिधियों पर भी है, जो चुनाव के समय यहां वोट मांगते हैं. लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि पलट कर देखने नहीं आता. कोडरमा व गिरीडीह जिले के बीच बसा गरहीसांख गांव में आज तक न तो सड़कें बनीं और ना ही यहां कोई और मूलभूत सुविधा पहुंच सकी है. लोगों का कहना है कि सड़क नहीं होने से लोगों को कही भी आने-जाने में परेशानी होती है.
बीमार पड़ने पर खटिया पर टांग कर लाए जाते हैं अस्पताल
यहां किसी की तबीयत खराब होने पर उसे खाट पर लाद कर गावां सीएचसी जाना पड़ता है, जो गरहीसांख से लगभग 20 किलो मीटर दूर है. ग्रामीणों ने बताया कि गरहीसांख से मुख्य पथ आने के लिए मरीजों को खटिया से टांग कर 8 किलोमीटर लाना पड़ता है. सड़कें नहीं होने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है.
सांसद – विधायक ने नहीं देखी है गरहीसांख की सूरत
ग्रामीणों ने बताया कि भारत आजादी के 75 वां अमृत महोत्सव के रूप में मनाया है लेकिन इस गांव में आज तक न कभी सांसद आये हैं और ना ही कोई विधायक, जिससे कि शिकायत कर सकें. यहां के लोग सुविधाओं के अभाव में पलायन करने को भी मजबूर हैं. सड़क नहीं होने की वजह से गांव का विकास रेंग रहा है. विडंबना यह कि जनप्रतिनिधि इससे बेखबर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि आज भी हमलोग आदिम युग में जी रहे हैं.
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