Giridih : क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नए प्रावधान के तहत नर्सिंग होम या क्लीनिक का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. पंजीकरण नहीं कराने वाले संचालकों पर कारावास के साथ पचास हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है. जिले में नए प्रावधान के तहत रजिस्ट्रेशन कराए बगैर नर्सिंग होम व क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है. अवैध नर्सिंग होम पर नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय में 5 सदस्य व प्रखंडों में 3 सदस्यों की टीम गठित है. रवैया देखकर यही लगता है कि टीम सिर्फ कागजों पर गठित है, कामकाज के मामले में शिथिल है.
स्थाई पंजीकरण का प्रावधान
नए नियम के तहत संचालक को नवीनीकरण के झंझट से मुक्त करने के लिए एक ही बार स्थाई पंजीकरण की व्यवस्था की गई है. पंजीकरण के लिए चिकित्सक का प्रमाण पत्र, चिकित्सक का निबंधन संख्या, आधार कार्ड, बायोमेडिकल वेस्ट सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी व अग्निशमन सुरक्षा प्रमाणपत्र की जरूरत होती है. बगैर निबंधन कराए कई झोलाछाप चिकित्सक नर्सिंग होम व क्लीनिक संचालित कर रहे हैं.
पूर्व में हो चुकी है कार्रवाई
10 दिसंबर 2017 को तत्कालीन एसडीओ विजय यादव ने छापेमारी अभियान चलाकर 6 लोगों को हिरासत में लिया था. विभागीय आवेदन नहीं मिलने के कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. डुमरी में फरवरी 2021 में एक नर्सिंग होम पर गर्भपात के मामले में छापेमारी की गई थी. गर्भपात का मामला सही पाए जाने के बाद भी वह नर्सिंग होम आज भी चालू है. विभागीय सूत्र की मानें तो विभाग सख्त हो तो ऐसे संचालकों पर चंद सप्ताह में लगाम लगाई जा सकती है. पर विभागीय अधिकारियों के लापरवाही के चलते नर्सिंग होम व क्लीनिक का धड़ल्ले से संचाल किया जा रहा है.
दीवार तड़प कर भागे थे कथित चिकित्सक
फरवरी 2021 में छापेमारी के दौरान बोरो में एक नर्सिंग होम के पेशे से चिकित्सक संचालक दीवार फांदकर भाग गए थे. तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. सिद्धार्थ सान्याल ने उस चिकित्सक से पर्ची का अंग्रेजी शब्द लिखने को कहा था. चार अक्षर लिखने के बाद उनकी कलम थम गई. सिविल सर्जन ने उन्हें अपना कागजात दिखाने को कहा. कागजात लाने गए चिकित्सक दीवार फांद कर भाग गया. फिलहाल वे चिकित्सक सिरसिया में नर्सिंग होम का संचालन कर रहे हैं.
सिविल सर्जन ने कहा होगी कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा ने कहा कि पंजीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया है. बगैर निबंधन के संचालित नर्सिंग होम व क्लीनिक पर कार्रवाई की जाएगी. पंजीकरण से पूर्व उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की जांच की जाएगी. प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाले नर्सिंग होम व क्लीनिक को सील कर जुर्माना ठोका जाएगा. संचालक को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
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